- सुबह सबसे पहले सीएम ने विधायकों से बातचीत की, इसके बाद अविनाश पांडे, रणदीप सुरजेवाला, गहलोत और कुछ मंत्री मीटिंग कर रहे
- सुरजेवाला बोले- सचिन पायलट समेत जो साथी नाराज हैं, उनके लिए कांग्रेस के सारे दरवाजे खुले
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विष्णु शर्मा
Jul 14, 2020, 05:33 PM IST
जयपुर. राजस्थान की राजनीति का एपिसेंटर बना होटल फेयरमॉन्ट में मंगलवार को काफी हलचल रही। होटल के बाहर काफी सुरक्षा है। यहां करीब 70-80 विधायक ठहरे हुए हैं। इन लोगों ने दिन की शुरुआत कसरत और योग के साथ की। मंत्री बीडी कल्ला की अगुआई में कई विधायकों ने कसरत की। इसके बाद बैठकों का दौर चला। सचिन पायलट और उनके दो समर्थक मंत्रियों को पद से बर्खास्त करने का फैसला ले लिया गया। मुख्यमंत्री फिलहाल होटल से निकल चुके हैं। कई विधायक फिलहाल यहीं मौजूद हैं।
होटल में कुल 119 रूम बुक कराए गए हैं। इनमें से कुछ खाली पड़े हैं।
होटल के बाहर कैमरे तैनात
फेयरमाउंट होटल के बाहर सुरक्षा के लिए पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद हैं। कई चैनलों ने ताजा अपडेट हासिल करने के लिए अपने कैमरे तैनात कर दिए हैं।
सुरजेवाला का देर रात बयान आया
सुरजेवाला ने कहा- घर के सदस्य घर के अंदर ही शोभा देते हैं। कांग्रेस विधायक दल के एक-एक सदस्य का कर्तव्य है कि राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सेवा के यज्ञ में सहयोग दें। सचिन पायलट समेत सभी साथी जो नाराज हैं, उनके लिए कांग्रेस के सारे दरवाजे खुले हैं। मतभेद है तो चर्चा करें। समस्या का हल निकालेंगे। कल सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पायलट और उनके समर्थक विधायकों को भी बैठक में आने का अनुरोध किया गया है।
क्यों पड़ी बाड़ेबंदी की जरूरत?
सचिन पायलट समेत 18 विधायक दिल्ली में मौजूद हैं। जयपुर में मौजूद विधायक दल में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जो किसी भी वक्त पाला बदल सकते हैं। यही एक कारण है कि मुख्यमंत्री खेमे ने विधायकों की बाड़ाबंदी की है।
दावे और सियासी गणित के दो पहलू
पहला: पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो अपनी सरकार बना सकती है।
दूसरा: पायलट के दावे से अलग अब तक की स्थिति में 15 कांग्रेस विधायक उनके खेमे में होने की संभावना है। अगर यह सभी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 185 हो जाएगी। फिर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 93 पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक हैं। एक आरएलडी विधायक उनके साथ हैं और अगर कुछ निर्दलीय गहलोत के साथ रहे तो सरकार सुरक्षित रहेगी।