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  • ब्रिटेन के स्टीव व्हाइट को 19 मार्च को भर्ती किया गया था और 18 जून को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया
  • स्टीव पेशे से डांसर हैं, वे कहते हैं, लड़ना मत छोड़िए, मेरा केस बताता है कि कोरोना को हराया जा सकता है​​​​​

दैनिक भास्कर

Jun 22, 2020, 05:52 AM IST

ब्रिटेन के स्टीव व्हाइट सबसे लम्बे समय तक कोरोना से लड़ने वाले सर्वाइवर बन गए हैं। वह 92 दिन बाद हॉस्पिटल लौटे। स्टीव पेशे से एक डांसर हैं, जिन्हें हियरफोर्ड काउंटी हॉस्पिटल में 19 मार्च को भर्ती किया गया था। लम्बे चले इलाज के बाद उन्हें 18 जून को डिस्चार्ज किया गया है। स्टीव के बचने की उम्मीद केवल 1 प्रतिशत थी। परिवार ने डॉक्टर्स से लगातार आग्रह किया था कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाए। कोरोना से जूझने के बाद आखिरकार स्टीव ने वायरस को मात दी। 

डॉक्टर्स ने कहा था कि कुछ घंटों के मेहमान हैं स्टीव
56 वर्षीय स्टीव दो बच्चों के पिता हैं और ब्रिटेन में इनकी काफी चर्चा हो रही है। स्टीव का कहना है कि मेरा मामला उन लोगों के लिए आशा की किरण है जो कोरोना से जूझ रहे हैं। उनसे यही कह सकता हूं कि लड़ना मत छोड़िए। स्टीव को 19 मार्च को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। अप्रैल में डॉक्टर्स ने परिजन से कहा था कि स्टीव कुछ घंटों के ही मेहमान हैं क्योंकि वह कोमा में चले गए हैं।

67 दिन आईसीयू में बीते
स्टीव कहते हैं, डॉक्टरों ने अपनी कोशिश जारी रखी। मैंने खुद को उनके हवाले कर दिया था। कोरोना से उबरने के बाद हॉस्पिटल का स्टाफ इस घटना को अद्भुत बता रहा था और मुझे हीरो के नाम से बुला रहा था। फिजियोथैरेपी और चलने-फिरने की प्रैक्टिस से पहले मैंने 67 दिन तो सिर्फ आईसीयू में बिताए। एक लम्बा समय वेंटिलेटर पर बीता जहां कोरोना से जूझ रहे दो तिहाई मरीजों की मौत हो गई थी। 

स्टीव कहते हैं जब वापस होश में आया तो अनुभव बेहद डरावना था।

‘कोमा से उबरने के बाद आवाज नहीं निकल पा रही थी’
स्टीव कहते हैं वेंटिलेटर पर 43 दिन बाद मैंने कोमा में चला गया था। जब वापस होश में आया तो अनुभव बेहद डरावना था क्योंकि मुझे कुछ याद नहीं आ रहा था। गले में ट्रैकियोस्टॉमी (गले में चीरा लगाकर ऑक्सीजन देना) के कारण आवाज नहीं निकल पा रही थी। हॉस्पिटल का स्टाफ मुझे शांत रखने की कोशिश कर रहा था। 

बेटी से फोन कॉल के बाद शरीर में इम्प्रूवमेंट दिखा
बेटे कैलम के मुताबिक, डॉक्टर्स का कहना था जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे थे बचने की उम्मीद घट रही थी। उनका कहना था कि बचने की संभावना 1 प्रतिशत है। हम उन्हें नहीं जाने देना चाहते थे। लेकिन सबसे यादगार लम्हा वो रहा जब बहन ने पापा को कॉल करके उनका फेवरेट गाना सुनाया और कहा मिसिंग यू। इस वाकये के 24 दिन बाद शरीर में इम्प्रूवमेंट हुआ। 



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