- नेपाली पीएम के पूर्व मीडिया सलाहकार और प्रोफेसर कुंदन आर्यल ने कहा- क्या ओली भारत के न्यूज चैनल से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं
- राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास ने बताया- भगवान राम का जन्म अयोध्या में सरयू नदी के किनारे हुआ था
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दैनिक भास्कर
Jul 14, 2020, 03:12 PM IST
काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को दावा किया कि अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि बीरगंज में स्थित एक छोटा सा गांव है। साथ ही भगवान राम को नेपाली बताया। इस बयान के बाद ओली अपने ही देश में घिरते दिख रहे हैं। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने ट्वीट किया, ‘‘आदि-कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए।’’
आधी-कवि ओलीकृत कलीयुगीन नयाँ रामायण श्रवण गरौं! सिधै बैकुण्ठधामको यात्रा गरौं ! https://t.co/yDepnuFCFY
— Baburam Bhattarai (@brb1954) July 13, 2020
ओली के पूर्व मीडिया सलाहकार और प्रोफेसर कुंदन आर्यल ने ट्वीट किया- ओली ने ये क्या कह दिया? क्या वे भारत के न्यूज चैनल से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
योे के बोलेको? कि भारतको टेलिभिजन च्यानलहरुसँग प्रतिस्पर्धा गरेको? https://t.co/54e3hoOjyf
— Kundan Aryal (@TheRealKalamchi) July 13, 2020
नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार अमित ढकाल ने तंज कसते हुए कहा- श्रीलंका का द्वीप नेपाल के कोशी में है। इसके पास ही हनुमान नगर भी है, जिसका निर्माण वानर सेना ने पुल बनाने के समय किया होगा।
श्रीलंका टापू कोशीमा छँदैछ। छेवैमा हनुमान नगर पनि छ, वानर सेनाले पुल हाल्दा बसालेको!
— Ameet Dhakal (@ameetdhakal) July 13, 2020
नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने ट्वीट किया- किसी भी प्रधानमंत्री को इस तरह का आधारहीन और अप्रमाणित बयान नहीं देना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि ओली भारत और नेपाल के संबंध और खराब करना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए।
प्रमको स्तरबाट यस्ता उटपट्यांग,अपुष्ट र अप्रमाणित कुरा आउनु सर्वथा उपयुक्त छैन।भारतसंग सम्बन्ध सुधार्ने भन्दा बिगार्ने तर्फ प्रमको ध्यान गए जस्तो लाग्छ।नक्सा प्रकाशित गरेर अतिक्रमित भूमी फिर्ताल्याउने प्रयास गर्न छाडेर दुई देशको सम्बन्धमा अनाबश्यक विवाद सिर्जना गर्नु राम्रो होईन https://t.co/jzP5hcH4qu
— Kamal Thapa (@KTnepal) July 13, 2020
भारत में भी खिंचाई
ओली के इस बयान पर अयोध्या के संत नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि नेपाली पीएम ने चीन के दबाव में ऐसा बयान दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में सरयू नदी के किनारे हुआ था। हां, यह सही है कि सीता जी नेपाल की थीं, लेकिन यह दावा करना कि भगवान राम नेपाली हैं, यह बिल्कुल गलत है।
ओली मानसिक संतुलन खो चुके हैं: अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया- नेपाली पीएम ओली अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वे कठपुतली हैं, जो चीन की लाइनें बोल रहे हैं। जो वे बोल रहे हैं, वो नेपाल की तरफ से पहले कभी नहीं कहा गया। नेपाल से अयोध्या सैकड़ों किमी दूर है, लेकिन वे उसे अपना हिस्सा बता रहे हैं।
#Oli#NepalPM seems 2hv lost his mental balance or is puppet &parrot like mouthing lines scripted by desperate #Chinese. 1st he claimed territories never earlier claimed by #Nepal. Now he relocates #Ram#Sita#Ayodhya & #RamRajya a few hundred miles from Ayodhya inside Nepal!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) July 14, 2020
ट्विटर यूजर्स ने भी मजाक उड़ाए
एक यूजर ने लिखा- ओली एक दिन यह ट्वीट करेंगे कि न्यूयॉर्क अमेरिका नहीं, नेपाल में स्थित है। असली ऑस्ट्रेलिया भी नेपाल में ही है। असली पेरिस, टोक्यो, लंदन, बर्लिन, लास वेगास, इस्लामाबाद सब नेपाल में ही है।
One day Nepal PM Oli will tweet like this.#Nepal#Ayodhyapic.twitter.com/dos1f9BGDt
— Tarzan Majhi (@MajhiTarzan) July 13, 2020
Brace yourself @realDonaldTrump 😷
The most powerful country with its dynamic and vibrant leader will conquer the entire universe very soon!
World domination ka baap😎💪#Nepal#Ayodhyapic.twitter.com/xFhr2gXoL5
— Aditya (@adi_aithal) July 13, 2020
ओली ने राम को नेपाली बताया था
ओली अपने निवास पर भानु जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। उन्होंने यह भी कहा कि असली अयोध्या भारत में नहीं, नेपाल के बीरगंज में है। उन्होंने भारत पर सांस्कृतिक दमन का आरोप भी लगाया। ओली ने कहा कि विज्ञान के लिए नेपाल के योगदान को हमेशा नजरंदाज किया गया।
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