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  • 27 साल का रेशर्ड ब्रूक्स शुक्रवार को पार्किंग में अपनी कार में सो रहा था, पुलिस को लगा वह नशे में है
  • पुलिस से रेशर्ड की झड़प हुई, वह एक अफसर की गन लेकर भागा, बाद में उसे गोली मार दी गई

दैनिक भास्कर

Jun 14, 2020, 12:50 PM IST

जॉर्जिया. अमेरिका के अटलांटा में पुलिस की कार्रवाई में अश्वेत के मारे जाने का दूसरा मामला सामने आया है। अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद अटलांटा की पुलिस चीफ ने इस्तीफा दे दिया है। घटना को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

   
जॉर्जिया ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक, घटना 12 जून की है। रेशर्ड ब्रूक्स पार्किंग में कार में सो रहा था। पुलिस अफसरों को वह नशे में लगा। पूछताछ के दौरान उसकी पुलिस से झड़प हो गई। ब्रूक्स एक अफसर की टेजर (छोटी गन) छीनकर भागा। दूसरे अफसर ने उसका पीछा किया। इतने में ब्रूक्स पलटा और उसने अफसर पर टेजर तान दी। तभी अफसर ने उस पर गोली चला दी। अटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने बताया कि घटना के चलते पुलिस चीफ एरिका शील्ड्स ने इस्तीफा दे दिया है।

अटलांटा में शनिवार को सड़कों पर उतरे लोग पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए

25 मई को फ्लॉयड की मौत हो गई थी
मिनेपोलिस में 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड (40) को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 9 मिनट तक दबाए रखा। थोड़ी देर में उसकी हरकत बंद हो जाती है। उसे अस्पताल में ले जाया जाता है। वहां डॉक्टर कहते हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। वह गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस वाले ने घुटना नहीं हटाया। 

Second black shot deat by police in America, police chief resigns; People on the streets | अटलांटा में गिरफ्तारी के दौरान अफसर ने गोली मारी, पुलिस चीफ का इस्तीफा; सड़कों पर उतरे लोग 1
अटलांटा में शनिवार को अश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया गया।

फ्लॉयड के समर्थन में दुनियाभर में विरोध
फ्लॉयड की मौत के बाद इस घटना का जोरदार विरोध हुआ। अकेले अमेरिका में ही 140 शहरों में प्रदर्शन हुए। सरकार को 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे। 



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