Strange IndiaStrange India


  • बायोटेक कंपनी नोवावैक्स कर रही ट्रायल, कोरोना के सबसे मजबूत हिस्से स्पाइक प्रोटीन पर वार करेगी
  • वैक्सीन इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं पर दबाव बनाएगी ताकि ये वायरस से लड़ें
  • ब्रिस्बेन और मेलबर्न में वैक्सीन का इंसानों पर पहला ट्रायल शुरू, शोधकर्ताओं को सकारात्मक परिणाम की उम्मीद

दैनिक भास्कर

May 28, 2020, 06:08 AM IST

ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक अब फ्लू की वैक्सीन से कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटे हैं। विक्टोरिया राज्य में इंसानों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है और इसे अमेरिकी कम्पनी नोवावैक्स ने बनाया है।

ऐसा कहा जा रहा है कि पूरे दक्षिणी गोलार्ध में ये किसी कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल है और यह समझने की कोशिश की जा रही है कि कोरोनावायरस पर इसका असर कितना होता है।

4 पॉइंट : ऐसे काम करेगी वैक्सीन

  • स्पाइक प्रोटीन पर वार करेंगी इम्यून कोशिकाएं
    कंपनी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैक्सीन इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं पर दबाव बनाएगी ताकि ये वायरस से लड़ें। ट्रायल में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन की खास बात है कि यह पूरे वायरस को टार्गेट करने की बजाय कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर वार करेगी। वायरस का यही हिस्सा संक्रमण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।
  • प्रोटीन के टुकड़ों को वायरस समझकर खत्म करेंगी
    शोधकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीन के कारण कोरोना का प्रोटीन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटेगा, जिसे नैनो पार्टिकल्स कहते हैं। शरीर की इम्यून कोशिकाएं इन कणों को छोटा वायरस समझकर सक्रिय होंगी और पकड़ेंगी।
  • मेट्रिक्स-एम इम्यून कोशिकाओं को सिग्नल भेजेगा
    शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैक्सीन में मेट्रिक्स-एम नाम के नैनो पार्टिकल्स रहेंगे यह शरीर में खतरा देखते ही इम्यून कोशिकाओं को सिग्नल देंगे। यह कोशिकाओं को बार-बार अलर्ट व एक्टिव करेंगे ताकि ये प्रोटीन के टुकड़ों को खत्म कर सकें।
  • इंफ्लुएंजा की वैक्सीन पर आधारित
    कोरोना पर जिस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है वह इंफ्लूएंजा वायरस पर आधारित है, जिसे नैनोफ्लू कहते हैं। इसे नोवावैक्स कम्पनी ने ही बनाया था। पिछले साल अक्टूबर में इसके तीसरे चरण का ट्रायल 2650 वॉलंटियर्स पर किया गया था। 



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *