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  • Now Even The Symptoms Of Psychosis In Patients, They Hear Strange Sounds; Researchers Claim Based On 14 Studies

2 महीने पहले

  • शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना से जूझ रहे 4 फीसदी मरीजों में सायकोसिस के लक्षण दिख रहे
  • ऐसे ही लक्षण नए कोरोनावायरस के अलावा मर्स, सार्स और स्वाइनफ्लू के मरीजों में भी देखे गए थे

कोरोना से जूझ रहे मरीजों में अब साइकोसिस या मनविक्षिप्तता के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह दावा ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना से जूझ रहे 4 फीसदी मरीजों में  ऐसी स्थिति बन रही है। उन्हें आवाजें सुनाई दे रही हैं जो उन्हें भ्रमित कर रही हैं।

दुनियाभर के 14 अध्ययनों का विश्लेषण करने के बाद यह बात सामने आई है। नए कोरोनावायरस के अलावा मर्स, सार्स और स्वाइन फ्लू के मरीजों में भी कुछ मामले ऐसे देखे गए थे। 

क्या है साइकोसिस या मनविक्षिप्तता
साइकोसिस मन की एक असामान्य दशा है जिसमें मन यह तय नहीं कर पाता कि क्या वास्तविक है और क्या आभासी। इसके कुछ लक्षण ये हो सकते हैं- असत्य विश्वास (फाल्स बिलीफ/ भ्रमासक्ति), तथा ऐसी आवाजें सुनाई देना या ऐसी चीजें दिखाई देना जो सामान्य लोगों को नहीं सुनाई/दिखाई देतीं। इस दशा को मनस्ताप या मनोविक्षिप्ति भी कहते हैं।

मरीजों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण
रिसर्च टीम का हिस्सा रहे लॉ-ट्रोब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रो. रिचर्ड ग्रे का कहना है कि इलाज के दौरान कोरोना पीड़ितों में ऐसे लक्षण दिख सकते हैं। ऐसी स्थिति में इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है। कोरोना से जूझ रहे मरीजों में डिप्रेशन और बेचैनी को कंट्रोल करना भी जरूरी है। लेकिन साइकोसिस की स्थिति में हालत गंभीर हो जाती है, क्योंकि लगातार सोचने और डरने से दिमाग प्रभावित हो रहा होता है। 

एंटी-साइकोटिक दवा का कम डोज है प्रभावी
शोधकर्ता डॉ. एली ब्राउन के मुताबिक, ऐसे मामलों में मरीज को बेहद सटीक इलाज की जरूरत होती है। रिसर्च में देखा गया है कि संक्रमित मरीजों को एंटी-साइकोटिक दवा का लो-डोज देकर इलाज किया जा सकता है, ये असर करती है। सबसे जरूरी बात है कि मरीज और डॉक्टर के बीच का संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि समस्या को समझा जा सके। मरीज अगर उत्तेजित होता है डॉक्टर्स परेशान न हों और मनोरोग विशेषज्ञों से सलाह लें।

अधिक तनाव से बढ़ती है सायकोसिस की समस्या
प्रोफेसर रिचर्ड कहते हैं कि कोरोना के ऐसे मरीजों को अलग रखने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की भी जरूरत है। स्ट्रेस के बढ़ते दबाव के कारण ऐसे मामले सामने आ रहे हैं क्योंकि साइकोसिस का पहला असर अधिक तनाव के रूप में दिखता है। 

एक के बाद एक करके सामने आ रहे नए लक्षण
जैसे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं कोरोना के नए लक्षण सामने आ रहे हैं। सबसे खास बात है कि ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है जिसमें कोरोना के वे आम लक्षण नहीं दिखाई देते जैसे बुखार, मांसपेशियों में अकड़न और सांस में तकलीफ। संक्रमण की शुरुआत में ही ऐसे बदलाव दिखाई दे रहे हैं जिसे लोग संक्रमण का इशारा नहीं समझ पा रहे जैसे गंध महसूस न कर पाना, सिरदर्द, बोलते-बोलते सुध-बुध खो देना, पेट में दर्द और दिमाग में खून के थक्के जमना। 

अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सीडीसी ने कोरोना के नए लक्षण अपनी गाइडलाइन में शामिल किए।

सीडीसी ने नए लक्षण जारी किए

अमेरिकी सरकार के शीर्ष मेडिकल संस्थान सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने भी माना है कि कोरोना से संक्रमण के नए लक्षण सामने आए हैं। सीडीसी ने संक्रमण के 6 नए लक्षणों की जानकारी होने की पुष्टि की हैं। इनमें बहुत ज्यादा ठंड लगना, ठंड के साथ कंपकंपी छूटना, मांसपेशियों में दर्द बना रहना, लगातार सिरदर्द रहना, गले में चुभन के साथ होने वाला दर्द, खुशबू, गंध या स्वाद न महसूस होना शामिल है।

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