- इम्मेनुअल का जन्म 30 जनवरी को हुआ था और जन्म के 37वें दिन उसे कोरोना के संक्रमण के साथ सेप्सिस भी हुआ
- डॉक्टरों का कहना है, हमने उम्मीद छोड़ दी थी, मां बोली-हॉस्पिटल में मौत की खबरों के बीच बेटे का बचना ही सुखद था
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दैनिक भास्कर
Jun 15, 2020, 03:46 PM IST
ब्रिटेन के एक प्री-मैच्योर बेबी में कोरोना के संक्रमण का मामला चर्चा में है। 6 माह की प्रेग्नेंसी के बाद जन्मे प्री-मैच्योर इम्मेनुअल को कोरोना का संक्रमण हुआ। इम्मेनुअल ने कोरोनावायरस का मात दी और अब वह रिकवर हो गया है। माना जा रहा है कि यह ब्रिटेन का सबसे छोटा कोरोना सर्वाइवर है।
सेप्सिस और कोविड-19 दोनों को हराया
इम्मेनुअल का जन्म 30 जनवरी को हुआ था। जन्म के 37वें दिन उसे कोरोना का संक्रमण हुआ। लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में इम्मेनुअल का इलाज लम्बे समय तक चला। इबोला के मरीजों को दी जाने वाली दवा उसे दी गई। कोविड-19 के साथ उसे सेप्सिस भी हुआ।
आमतौर पर शरीर ऐसे केमिकल रिलीज करता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं लेकिन सेप्सिस की स्थिति में यही केमिकल असंतुलित हो जाते हैं और उल्टा काम करते हैं। शरीर में सूजन की स्थिति बनती है, ये जानलेवा भी हो सकती है। इसे ही सेप्सिस कहते हैं।
शुरुआती 24 घंटे सबसे बुरे
इम्मेनुअल की मां एवलिन के मुताबिक, शुरुआती 24 घंटे सबसे बुरे थे क्योंकि मौत का खतरा ज्यादा था। हॉस्पिटल में मैं सिर्फ रोए जा रही थी और ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी मेरा बेटा बच जाए। डॉक्टर्स ने बेटे को एंटीवायरल ड्रग रेमेडेसवीर थी, जबकि उस समय इस दवा का ट्रायल किया जा रहा था, वो भी 20 से अधिक उम्र के लोगों पर।
हॉस्पिटल में मौत की खबरों के बीच बेटे का बचना ही सुखद था
किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल के सीनियर इंटेंसिव केयर कंसल्टेंट डॉ. पेम डिसिल्वा के मुताबिक, इम्मेनुअल काफी बीमार था। हमें उम्मीद नहीं थी कि हम उसे बचा पाएंगे क्योंकि शुरुआती कुछ घंटे काफी अहम थे। मां एवलिन के मुताबिक, हॉस्पिटल में लगातार हो रहीं मौत के बीच मेरे बेटे का बचना ही एक अच्छी खबर थी। वह ऐसे रिकवर कर रहा था जैसे कोई ताजी हवा में खुलकर सांस लेता है।