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  • सैनेटाइजर में अल्कोहल हाथों पर मौजूद वायरस को मारने के लिए है, दिनभर सुरक्षा देने के लिए नहीं इसलिए साबुन-पानी से हाथ धोते रहें।
  • फैक्ट्री में एक ही मशीन को कई कर्मचारी चलाते हैं इसलिए मास्क और दस्ताने जरूर पहनें, कोई बीमार है तो उसे काम न करने दें

दैनिक भास्कर

Jun 15, 2020, 05:36 PM IST

बारिश में भीगने के बाद हाथ धोना कितना जरूरी है, सैनेटाइजर का असर कितनी देर तक रहता है और फैक्ट्री में एक ही मशीन से कई लोग काम करते हैं तो क्या सावधानी बरती जाए…ऐसे कई सवालों के जवाब पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्‌डी ने आकाशवाणी को दिए। डॉ. के श्रीनाथ रेड्‌डी से जानिए कोरोना से जुड़े सवालों के जवाब…

#1) बारिश में भीग गए हैं तो क्या हाथ धोना जरूरी है?
भीगने का मतलब यह नहीं है कि आप पर पानी पड़ते ही वायरस मर गया। वायरस तभी हाथों से जाएगा, जब आप बहने पानी में हाथ धोएंगे। दूसरी बात वायरस के ऊपर चर्बी की पर्त होती है, जो साबुन लगाने पर धुल जाती है। वायरस भी उसी के साथ धुलकर हाथों से निकल जाता है। इसलिए हर स्थिति हर स्थिति में साबुन से हाथ धोना जरूरी है।

#2) सीरो सर्वे के अनुसार, देश में 0.73 लोग संक्रमित हुए और अपने आप ठीक हो गए, क्या यह हर्ड इम्युनिटी है?
जी नहीं, यह हर्ड इम्युनिटी नहीं है। आईसीएमआर के इस सर्वे में देश के कई कंटेनमेंट जोन के आंकड़े अभी नहीं आए हैं। जिन जिलों की रिपोर्ट आ चुके की है उनमें 0.73 फीसदी लोगों को संक्रमण हुआ और वे अपने आप ठीक हो गए। मतलब 1 फीसदी से कम लोगों को यह वायरस छू चुका है। अगर यह मानकर चलें कि बड़े शहरों में संक्रमितों की संख्या ज्यादा रही होगी तो भी भारत में करीब 2 फीसदी लोगों को ही इस वायरस ने छुआ होगा। जबकि हर्ड इम्युनिटी तब विकसित होती है, जब कम से कम 70 फीसदी लोग संक्रमित हुए हों। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन में लोगों को 20 सेकंड तक हाथ धोने की सलाह दी है।

#3) सैनेटाइजर का असर कितनी देर तक रहता है?
सैनेटाइजर में अल्कोहल होता है जो कुछ ही देर के लिए आपके हाथों पर रहता है। अल्कोहल हाथों पर वायरस को मारने के लिए है, दिनभर हाथों को सुरक्षित रखने के लिए नहीं है। इसलिए साबुन-पानी से हाथ धोते रहें।

#4) स्वाद और सूंघने की क्षमता को लेकर आंख, नाक और कान के मरीजों में डर बैठ गया है, वो क्या करें?
खाने का स्वाद न मिलना और सूंघने की क्षमता का कम हो जाना कोरोना का लक्षण है। ऐसे में ईएनटी के मरीज जिनमें ये बीमारी पहले से है, उनमें डर होना स्वाभाविक है। हमें यह समझाना होगा कि बुखार, सूखी खांसी और सांस फूलना भी इसके अहम लक्षण हैं। जबकि सूंघने की क्षमता घटना, स्वाद न आना, मांसपेशियों में दर्द, कंपकंपी लगना माइनर लक्षण है। अगर ऐसे लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर को तुरंत बताएं।

#1) फैक्ट्री में एक मशीन को कई लोग ऑपरेट करते हैं, ऐसे में क्या सावधानी रखें?
आमतौर पर अगर किसी इंसान को खांसी-जुकाम नहीं है तो वायरस का इंसान से निकलकर मशीन तक पहुंचने का खतरा बहुत कम होगा। इंसान बीमार है तो उसे काम न करने दें। अगर वह स्वस्थ है तो खतरा बहुत कम है। अपनी सुरक्षा के लिए हैंड सैनेटाइजर और मास्क का प्रयोग करें।



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