- Hindi News
- National
- Rajnath Singh And Other Ministers Press Conference On Agriculture Bills Updates
नई दिल्ली7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
राजनाथ सिंह ने कहा- यह चेयरमैन ही फैसला लेंगे कि जिन्होंने गलत व्यवहार किया है उनके खिलाफ क्या एक्शन लेना है।
- राजनाथ ने कहा- इस बिल के आने से किसान अपनी फसल पूरी आजादी से बेच सकेगा
- ‘हमने वादा किया था कि हम किसान की आमदनी बढ़ाएंगे, हमने ऐसा किया भी’
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल और थावरचंद गहलोत भी मौजूद रहे
राज्यसभा में रविवार को किसान बिल पर हुए हंगामे के करीब साढ़े नौ घंटे बाद मोदी सरकार के छह बड़े मंत्रियों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें दो मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्तार अब्बास नकली करीब 15 मिनट बोले। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- राज्यसभा में आज जो कुछ भी हुआ है, वह दुखद था। मैं जानता हूं कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सत्तापक्ष की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन यह जिम्मेदारी विपक्ष की भी बनती है।
उन्होंने कहा कि मैं भी किसान हूं और किसानों से वादा करता हूं कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होगी। केवल निहित राजनीतिक स्वार्थ साधने की जो कोशिश की जा रही है वह ठीक नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल और थावरचंद गहलोत भी मौजूद रहे। राज्यसभा में रविवार सुबह करीब 10 बजे विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। मोदी के मंत्रियों ने शाम 5:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
राजनाथ सिंह ने और क्या कहा?
- मैं मानता हूं कि यह बिल किसान और कृषि जगत के लिए जरूरी है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। हमने वादा किया था कि हम किसान की आमदनी बढ़ाएंगे। हमने ऐसा किया भी है।
- किसानों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है। हकीकत यह है कि दोनों बिल लागू होने के बाद हमारा किसान उसकी फसल पूरी आजादी के साथ बेच सकेगा, जहां वह बेचना चाहता है। हमारी सरकार ने एमएसपी बढ़ाया है।
- राज्यसभा में उपसभापति के साथ जो व्यवहार हुआ है वह गलत है। रूल बुक को फाड़ना, आसंदी के ऊपर चढ़ जाना, जहां तक मैं जानता हूं, संसदीय इतिहास में ऐसी घटना न कभी लोकसभा में हुई, न ही राज्यसभा में। यह राज्यसभा में होना तो और भी बड़ी बात है।
- संसदीय लोकतंत्र में मर्यादाओं का महत्व होता है। इस प्रकार की जो भी कार्यवाही की गई है मैं उसकी निंदा करता हूं।
- मैं स्पष्ट करता हूं कि इस तरह की कार्यवाही से उनकी छवि पर तो आंच आई है, मगर मुझे गहरी चोट पहुंची है। यह चेयरमैन ही फैसला लेंगे कि जिन्होंने गलत व्यवहार किया है उनके खिलाफ क्या एक्शन लेना है।
रविवार को किसान बिल पर विपक्ष ने हंगामा किया था
राज्यसभा में रविवार को केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े दो बिल ध्वनिमत से पास करा लिए। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे। सदन में बिल पर वोटिंग के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। बाद में 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
करीब 100 लोगों के दस्तखत किया हुआ प्रस्ताव संसद के नोटिस ऑफिस में सबमिट किया गया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि राज्यसभा के उप-सभापति को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया है।
हंगामा इतना हुआ कि मार्शल बुलाने पड़े
जो विधेयक पास कराए गए उनमें फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल शामिल हैं। इन पर वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने वेल में जाकर जमकर नारेबाजी की। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश का माइक तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने सदन की रूल बुक फाड़ दी।
सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा। 10 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद फिर से वोटिंग प्रक्रिया शुरू हुई और हंगामे के बीच ही विधेयकों को सरकार ने पास करा लिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह नौ बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कृषि बिल को लेकर हुए हंगामे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ सकते हैं…
0