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  • कम्पनी का दावा, इटोलिजुमाब का 25 एमएल का इंजेक्शन देश में उपलब्ध होगा और इसका इस्तेमाल इमरजेंसी में किया जा सकेगा
  • एमडी किरन मजूमदार ने कहा, जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें एक लाइफ सेविंग ड्रग की जरूरत है​​​​​

दैनिक भास्कर

Jul 14, 2020, 02:47 PM IST

भारतीय कम्पनी बायोकॉन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दवा लॉन्च करेगी। कम्पनी के मुताबिक बायोलॉजिक ड्रग इटोलिजुमाब की मदद से कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा। दवा को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कम्पनी को अनुमति दे दी है। कम्पनी का दावा है कि  इटोलिजुमाब का 25 एमएल का इंजेक्शन देश में उपलब्ध होगा और इसका इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा। सांसों की तकलीफ से साइटोकाइन सिंड्रोम जैसी गंभीर स्थिति में इसका प्रयोग किया जाएगा।
इटोलिजुमाब इंजेक्शन का इस्तेमाल त्वचा रोग सोरायसिस में किया जा जाता है, इसे बेंगलुरू की दवा कंपनी बायोकॉन बनाती है। 

Q1) अभी इस दवा की जरूरत क्यों है?
इटोलिजुमाब पहली ऐसी बायोलॉजिक थेरेपी है जिसे दुनियाभर में कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना के सामान्य लक्षणों से लेकर गंभीर स्थिति तक में इसका प्रयोग किया जा रहा है। बायोकॉन की एमडी किरन मजूमदार शा ने एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग में कहा, जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें एक लाइफ सेविंग ड्रग की जरूरत है। वैक्सीन साल के अंत तक या अगले साल भी मिलती है तो इस बात की गारंटी नहीं है कि दोबारा संक्रमण नहीं होगा, इसलिए हमे तैयार रहने की जरूरत है।

Q2) यह कोरोना के मरीजों में कैसे काम करती है?
किरन मजूमदार के मुताबिक, इटोलिजुमाब का कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल करने की एक और बड़ी वजह है क्योंकि इसका खास तरह का एक्शन कोरोना मरीजों में साइटोकाइन स्टॉर्म को कंट्रोल करता है। जो मरीजों की मौत की वजह बन रही है। साइटोकाइन स्ट्रॉर्म वो स्थिति है जब संक्रमण के बाद शरीर को बचाने वाला इम्यून सिस्टम ही शरीर के खिलाफ काम करने लगता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इस दौरान हालत बेहद नाजुक हो जाती है। कोरोना के मरीजों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। 

Q3) इटोलिजुमाब के इंजेक्शन और पूरी थैरेपी में कितना खर्च आएगा?
मजूमदार के मुताबिक, एक इंजेक्शन की कीमत 7,950 है। कोरोना के ज्यादातर मरीजों को इसके 4 इंजेक्शन की जरूरत होगी। पूरी थैरेपी की लागत 32 हजार रुपए तक आ सकती है। दवा को बेंगलुरू के बायोकॉन पार्क में तैयार किया जाएगा। 

Q4) महामारी के मुताबिक दवा की पूर्ति हो पाएगी?
किरन मजूमदार का कहना है कि हमारे पास इसे तैयार करने और लोगों तक पहुंचाने की क्षमता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से अप्रूवल मिलने के बाद इसका प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयार चल रही है ताकि मांग के मुताबिक, इसकी पूर्ति की जा सके। हमारा लक्ष्य देश में इसे बड़ी संख्या में मौजूद कोरोना के मरीजों तक पहुंचाना है।

Q5) इस बात की पुष्टि कैसे हो कि यह दवा लोगों की मांग के मुताबिक उन तक पहुंच पाएगी?
किरन मजूमदार के मुताबिक, पहले से कम्पनी की एक दवा अल्जुमाब मार्केट में है। हम उसे हॉस्पिटल में मेडिकल प्रिस्क्रिपशन और पेशेंट द्वारा भरे गए फॉर्म जैसे प्रोटोकॉल के आधार पर उपलब्ध करा रहे हैं। इसलिए इससे यह बात साबित हो जाती है कि कम्पनी इटोलिजुमाब सबसे पहले उन मरीजों तक पहुंचाएगी जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।



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