- सितंबर में टैंकस ने सुरक्षित ऋण मार्केट में डिसलोकेशन की समस्या और उसके समाधान पर लिखा, जिसके बाद फेडरल रिजर्व फिर से बड़े पैमाने पर ट्रेजरी बॉन्ड्स खरीदने के लिए मजबूर हुआ
- ब्लूमबर्ग, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे संस्थान के पत्रकार, इकोनॉमिक थिंक टैंक, वाल स्ट्रीट इकोनॉमिस्ट, इन्वेस्टमेंट बैंकर, ओबामा प्रशासन के पूर्व अधिकारी ट्विटर पर इन्हें फॉलो करते हैं
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पीटर कोए
Jul 07, 2020, 03:28 PM IST
न्यूयाॅर्क. नाम- नाथन टैंकस। उम्र- 28 साल। पढ़ाई- ग्रेजुएट भी नहीं। प्रभाव- अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व भी इनके लिखने के बाद एक्शन लेता है। ख्याति- अमेरिका में अर्थव्यवस्था पर सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखक। ब्लूमबर्ग, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे संस्थान के पत्रकार, इकोनॉमिक थिंक टैंक, वाल स्ट्रीट इकोनॉमिस्ट, इन्वेस्टमेंट बैंकर ट्विटर पर इन्हें फॉलो करते हैं…. आप जो पढ़ रहे हैं यह कोई कहानी या स्क्रिप्ट नहीं है बल्कि सच है।
ज्ञान किसी डिग्री का मोहताज नहीं होता
कहा जाता है कि ज्ञान किसी डिग्री का मोहताज नहीं होता। यह उक्ति नाथन पर एकदम सटीक बैठती है। नाथन टैंकस न्यूयॉर्क सिटी के जॉन जे कॉलेज ऑफ क्रिमिनल जस्टिस से आर्थिक समस्याओं की वजह से अपनी बैचलर डिग्री पूरी नहीं कर पाए। अपनी लगन, मेहनत और स्वाध्याय से टैंकस ने इकोनॉमिक्स और फाइनेंस में इतना नॉलेज हासिल कर लिया है कि आज वह फेडलर रिजर्व पर लिखने वालों में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले टिप्पणीकार हैं। इस साल उन्होंने एक न्यूजलेटर जारी किया, जिसके फॉलोवर्स फेड, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन, ऑफिस ऑफ द कॉम्प्ट्रोलर ऑफ द करेंसी और डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी से हैं।
मोनेट्री मैकेनिक्स
टैंकस 2015 से धीरे धीरे ऑनलाइन फॉलोवर्स बना रहे हैं लेकिन पिछले साल से अपने ऑडिएंस को मोनेट्री मैकेनिक्स की गहरी जानकारी दे रहे हैं। सितंबर में उन्होंने सुरक्षित ऋण मार्केट में डिसलोकेशन की समस्या और उसके समाधान पर लिखा। इससे फेडरल रिजर्व फिर से बड़े पैमाने पर ट्रेजरी बॉन्ड्स खरीदने के लिए मजबूर हुआ। इस साल टैंकस ने नोट्स ऑन क्राइसिस नाम से एक डिटेल सीरीज लिखी है, जो फेड द्वारा कोरोना से लड़ाई के लिए उठाए गए इमरजेंसी एक्शन को आसानी से समझाता है।
यह इंटरस्टिंग
जॉर्ज मैसोन यूनिवर्सिटी के सीनियर रिसर्च फेलो डेविड बैकवर्थ कहते हैं कि ‘उसके पास वास्तव में हमारे मोनेटरी सिस्टम को समझने और उसके लूपहोल्स को दुरुस्त करने के लिए अच्छा नॉलेज है। वह स्मार्ट और तथ्यों से भरा जवाब देता है। इंटरनेट पर चल रही इकोनॉमिक और फाइनेंस की बहस में टैंकस का डिप्लोमा मुक्त हिस्सा सबसे इंटरस्टिंग है। टैंकस ने इंटरनेट पर गेटकीपर्स की कमी का पूरा फायदा उठाया है। इंटरनेट पर पॉलिसी या लोगों से जुड़े मुद्दे पर लिखी तीखी और तर्कों के साथ टिप्पणी किसी इकोनॉमिक्स के क्वॉटरली जनरल में छपे आर्टिकल से ज्यादा असरकारी होती हैं।
पढ़ाई –
टैंकस 2008 में मैनहटट्न में अरबन एकेडमी लेबोरेटरी हाइस्कूल में पढ़ रहे थे और उसी वक्त मंदी आई। 2009 में गर्मियों की छटि्टयों में उसने ए मोनेटरी हिस्ट्री ऑफ यूनाइटेड स्टेट पढ़ा, जो कन्जरवेटिव अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन और अन्ना स्वार्टज का जादुई काम माना जाता है। जल्दी ही, उसने लिबरल जॉन मेयनार्ड किन्स की थियरी ऑफ एम्प्लायमेंट, इंट्रेस्ट एंड मनी को उठाया। वे कहते हैं कि मैंने इसे कई लोगों की मदद से बार बार पढ़ना जारी रखा जब तक इसे समझ नहीं गया। वह जब हाइस्कूल में थे तभी फाइनेंशियल इनस्टैबिलिटी हाइपोथीसिस ऑइ हायमन मिंस्की और मॉडर्न मॉनेटरी थियरी से भी उनका सामना हो गया।
टैंकस ने अपने कॉलेज का पहला साल न्यूयॉर्क के वेल्स कॉलेज में गुजारा। फिर पोस्ट किन्सियन इकोनॉमिस्ट मार्क लेवाइ और मार्को सेकेरसिया से पढ़ने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ओट्टावा में ट्रांसफर करवा लिया। लेकिन आर्थिक समस्या के कारण वे यहां अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए और न्यूयॉर्क लौटना पड़ा। यहां टैंकस ने सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से जुड़े जॉन जे और लेफ्टिस्ट इकोनॉमिक्स जे.वी. मैसोन से पढ़ाई की। हालांकि वो अपना ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर पाएं।
आय –
टैंक्स को अपने न्यूजलेटर के सब्सक्रिप्शन से सालाना 45,000 डॉलर (लगभग 34 लाख रुपए) की आय हो रही है। साथ ही, बोलने और अन्य जगह लिखने से अतिरिक्त 20,000 डॉलर (15 लाख रुपए) मिल जाएंगे। वे कहते हैं यह मेरे लिए फुल पेइंग करियर में बदल गया है और यहां आगे जाने की असीम संभावनाएं हैं।
मेहनत-
फेड द्वारा यूएस इकोनॉमी के रेस्क्यू के लिए एक के बाद एक लगातार घोषणाएं करने के बाद टैंकस ने 31 दिन में 21 लंबे लेख लिखे। इस पर वे कहते हैं कि इसके लिए कभी कभी सुबह 5 या 6 बजे तक जगना पड़ा। टैंकस के पोस्ट पर सिर्फ वे लोग नहीं आते जो इनके लिबरल ब्यूज शेयर करते हैं बल्कि फेड क्या कर रहा है? उसकी बारीकियां समझने के लिए भी हजारों लोग आते हैं। इनके फॉलोवर्स में पीटर ओरजैंग भी है जो ओबामा प्रशासन में फाइनेंशियल एडवाइजरी के सीईओ थे। रिपब्लिकन के ज्वाइंट इकोनॉमिक कमेटी के सीनियर इकोनॉमिस्ट एलन कोल भी इनके फॉलोवर्स हैं।
फ्यूचर प्लान-
आगे वो क्या पढ़ना चाहते हैं ? इस पर टैंकस कहते हैं यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ मैन्चेस्टर से लॉ में पीएचडी करना चाहते हैं। लॉ क्यों ? इस सवाल पर वो कहते हैं कि पैसे की उत्पत्ति (ओरिजीन ऑफ मनी) विषय पर बहस में एक निश्चित प्वाइंट पर मुझे लगता है कि इकोनॉमिक्स इसे सेटल नहीं कर सकता। यह एक लीगल और ऐतिहासिक सवाल है।
टैंकस कहते हैं, इस समय ज्यादातर सोशल मीडिया इको चैंबर बन गए हैं, जहां लोग उन लोगों कोे सुनने आते हैं जिनसे वो पहले से ही सहमत होते हैं। यह उत्साहित करने वाली बात है यहां असहमति को जगह मिल रही है। हम इकोनॉमिक्स में गेटकीपर के लिए और ज्यादा जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।