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  • 2 साल से कम उम्र के बच्चों की नाक से लेकर फेफड़ों तक का मार्ग ( एयर पैसेज) बहुत छोटा होता है
  • अमेरिका की सीडीसी और एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने भी छाेटे बच्चों के मुंह को ढंकने को नुकसानदेह बताया

दैनिक भास्कर

May 26, 2020, 11:19 PM IST

टोक्यो. कोविड-19 के संक्रमण के खतरे ने लोगों में मास्क पहनने की आदत डाल दी है। दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आसान नहीं होगा, ऐसे में मास्क पहनना जरूरी है।

रिसर्च में भी सामने आया है कि मास्क पहनने से कोरोना वायरस को 90% तक रोका जा सकता है। लेकिन, इसी बीच जापान के मेडिकल ग्रुप “जापान पीडियाट्रिक एसोसिएशन’ ने पैरेंट्स के लिए जरूरी चेतावनी जारी की है। इसमें 2 साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क पहना कर रखना खतरनाक बताया गया है।

सांस लेने में हो सकती है तकलीफ 

छोटे बच्चों के मास्क पहनने से उनके लिए न सिर्फ सांस लेना मुश्किल होता है। बल्कि घुटन का खतरा भी बढ़ जाता है। एसोसिएशन का कहना है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों की नाक से लेकर फेफड़ों तक का मार्ग ( एयर पैसेज) बहुत छोटे होता है। ऐसे में मास्क पहनने से उनके हृदय पर भी प्रेशर बढ़ता है। इसके अलावा शरीर में गर्मी बढ़ने से बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है।

अमेरिकी संस्थाओं ने भी कहा- बच्चों को  मास्क से नुकसान

यूएस सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल (सीडीसी) और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने भी 2 साल से कम उम्र के बच्चों के मुंह को कपड़े से ढंकने को नुकसानदेह बताया है। 

जापानी पीएम बोले, इमरजेंसी फिर लग भी सकती है
 करीब दो महीने बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने देश में स्टेट इमरजेंसी हटा ली है। हालांकि उन्होंने नागरिकों को यह चेतावनी भी दी है कि अगर संक्रमण फिर से बढ़ता है, तो स्टेट इमरजेंसी दोबारा लगाई जा सकती है। 
25 मई, 2020 तक जापान में संक्रमण के 16,581 नए मामले दर्ज किए गए। जिनमें से 31 नए मामले हैं। 25 मई तक जापान में कोरोना वायरस से 830 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि यूके, यूएस, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मुकाबले वहां कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम है।



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