Strange IndiaStrange India


  • सोवियत यूनियन की सेना ने बाद में इसे मास्को जू में रखवाया था, 1946 से अब तक यह चिड़ियाघर में रह रहा था
  • मास्को ज़ू के पशुरोग विशेषज्ञ डॉ. दिमित्री वैसिलयेव के मुताबिक, हिटलर को मगरमच्छ काफी लगाव था

दैनिक भास्कर

May 25, 2020, 04:41 PM IST

जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के 84 वर्षीय पालतू मगरमच्छ की मौत हो गई है। इसे मॉस्को के चिड़ियाघर में रखा गया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मगरमच्छ को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने बर्लिन में पाया था। जिसे बाद में सोवियत यूनियन की सेना के हवाले कर दिया था। मगरमच्छ की मौत के बाद इसकी जानकारी मॉस्को जू ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल उसका एक वीडियो शेयर करते हुए दी। 

हिटलर के इस मगरमच्छ का नाम सैटर्न था। यह बर्लिन में लोगों के आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। बताया जाता है कि मगरमच्छ का जन्म मिसिसिपी के जंगलों में 1936 को हुआ था। नवंबर 1943 में इसे पकड़कर बर्लिन लाया गया था और इसके तीन साल बाद ये ब्रिटिश सैनिकों को मिला।
हिटलर के 84 वर्षीय पालतू मगरमच्छ सैटर्न की मौत, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने इसे बर्लिन में पाया था 1
द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रशियन लेखक बोरिस अक्यूनिन का कहना है कि यह हिटलर का पालतू जानवर था। मास्को ज़ू के वेटनरी डॉक्टर दिमित्री वैसिलयेव के मुताबिक, हिटलर को मगरमच्छ से बेहद लगाव था।
हिटलर के 84 वर्षीय पालतू मगरमच्छ सैटर्न की मौत, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने इसे बर्लिन में पाया था 2
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैटर्न मॉस्को जू का सबसे उम्रदराज जानवर था। 1980 में एक बार जू की छत का एक टुकड़ा उस पर गिरते-गिरते बचा था। एक बार जू पहुंचे एक शख्स ने उसके सिर पर पत्थर से वार किया। मगरमच्छ को काफी चोट आई थीं और महीनों तक उसका इलाज चला था। 
हिटलर के 84 वर्षीय पालतू मगरमच्छ सैटर्न की मौत, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने इसे बर्लिन में पाया था 3
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चिड़ियाघर में इस मगरमच्छ के लिए जब नया एक्वेरियम बनाया गया था तो इसने 4 माह तक खाना नहीं खाया था। 2010 में एक बार फिर उसने एक साल तक बमुश्किल खाना खाया। मॉस्को जू प्रबंधन और कर्मचारियों ने सैटर्न की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है।





Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *