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- Scientists Discover Tiny Antibody That Completely Neutralises Novel Coronavirus
11 घंटे पहले
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- रिसर्च करने के वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक, Ab8 ड्रग कोरोना को इंसानी कोशिका से जुड़ने नहीं देता
- चूहे पर की गई रिसर्च में सफलता मिली, दावा किया; अध्ययन के दौरान इसका कोई साइडइफेक्ट नहीं देखने को मिला
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कोरोना को पूरी तरह खत्म करने वाले एक मॉलीक्यूल का पता लगाया है। यह सामान्य एंटीबॉडी से 10 गुना छोटा है। इस ड्रग का नाम Ab8 है। जिसका इस्तेमाल कोरोना के इलाज में किया जा सकता है। रिसर्च करने वाली कनाडा की ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, यह ड्रग कोरोना को इंसानी कोशिका से जुड़ने नहीं देता और न ही इसका अब तक कोई साइडइफेक्ट देखने को मिला है।
चूहे पर हुई टेस्टिंग
रिसर्च में शामिल भारतीय वैज्ञानिक श्रीराम सुब्रहमण्यम ने पाया कि चूहे को यह ड्रग देने पर कोरोना से बचाव के साथ उसका इलाज भी किया जा सकता है। यह बेहद छोटा-सा मॉलीक्यूल है जो कोरोना को न्यूट्रिलाइज करता है। इस ड्रग को कई तरह से मरीज को दिया जा सकता है। जैसे ड्रग को सूंघकर भी शरीर में पहुंचाया जा सकता है।
थैरेपी की तरह काम करेगा
रिसर्चर जॉन मेलर्स का कहना है, Ab8 कोविड-19 के मरीजों में थैरेपी की तरह काम करेगा। इंसानों की एंटीबॉडी में एक हिस्सा VH डोमेन से मिलकर बना होता है। यह Ab8 वैसा ही है।
वर्तमान में कोरोना सर्वाइवर के प्लाज्मा से कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनके प्लाज्मा में ऐसी एंटीबॉडीज हैं जो नए मरीजों में संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं लेकिन इतनी मात्रा में प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पा रहा कि बड़े स्तर पर मरीजों का इलाज किया जा सके।
इसलिए रिसर्चर जीन को अलग करके एंटीबॉडी निकालने की कोशिश कर रहे हैं जो कोरोना को ब्लॉक कर सके। ऐसी एंटीबॉडी का उत्पादन करने की तैयारी भी की जा रही है।
क्या होती है एंटीबॉडी
ये प्रोटीन से बनीं खास तरह की इम्यून कोशिकाएं होती हैं जिसे बी-लिम्फोसाइट कहते हैं। जब भी शरीर में कोई बाहरी चीज (फॉरेन बॉडीज) पहुंचती है तो ये अलर्ट हो जाती हैं। बैक्टीरिया या वायरस के विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करने का काम यही एंटीबॉडीज करती हैं। इस तरह ये शरीर को प्रतिरक्षा देकर हर तरह के रोगाणुओं के असर को बेअसर करती हैं।
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