Strange IndiaStrange India


वॉशिंगटन3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

यह फोटो 2003 की जर्मनी की है। एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कॉलिन एल. पॉवेल के भाषण का प्रसारण किया जा रहा है। वे अमेरिका के पहले अश्वेत राजनयिक थे।

  • पूर्व राष्ट्रपति बुश के पहले कार्यकाल के दौरान 19 अश्वेत एम्बेसडर थे, जबकि ओबामा के पहले कार्यकाल के दौरान 18 अश्वेत राजनयिक थे
  • राष्ट्रपति के डेमोक्रेटिक कैंडिडेट बाइडेन ने कमला हैरिस को रनिंग मेट चुनकर अमेरिका की विविध छवि को आगे बढ़ाने के संकेत दिए

दो दशकों तक दुनिया के सामने अमेरिका की छवि ऐसी रही है कि यहां अप्रवासियों और अश्वेतों को एक जैसी ताकत मिलती है। फिर चाहे वो अमेरिका की पहली विदेश मंत्री बनने वाली चेक में जन्मी मेडलीन अलब्राइट हों या फिर देश के मुख्य राजनयिक बनने वाले पहले अश्वेत कॉलिन पॉवेल हों, जिनके पिता जमैका के प्रवासी थे।

वहीं, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की विदेश मंत्री रहीं कोंडोलीजा राइस अलबामा में बड़े हुए। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में 2005 से 2009 तक विदेश मंत्री रहीं कोंडोलीजा की जगह हिलेरी क्लिंटन (ओबामा के कार्यकाल में) को लाया गया था। तब अधिकारियों ने मजाक में कहा कि यह पद उन श्वेत पुरुषों के लिए था, जिनका 200 से ज्यादा सालों तक इस पर एकाधिकार रहा।

यहां तक कि 2013 से 17 तक विदेश मंत्री रहे जॉन कैरी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे विदेश मंत्री थे, जिन्होंने दुनियाभर में अमेरिकी सपनों का प्रतिनिधित्व किया। चार सालों से भी कम समय में राष्ट्रपति ट्रम्प ने पूरे प्रशासन को बदल दिया। दुनिया के सामने अमेरिका की छवि बदल गई।

विदेश में बड़े पदों पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग अब ज्यादातर श्वेत और पुरुष हैं। इनमें विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर, अटॉर्नी जनरल विलियम पी. बैर और ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन शामिल हैं।

पिछले महीने रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में वक्ताओं ने ट्रम्प को राष्ट्रपति पद का एक मजबूत कैंडिडेट बताने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि ट्रम्प प्रशासन में शीर्ष रैंक पर सभी समुदाय और अश्वेतों को शामिल किया गया है। लेकिन, सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है।

निक्की हेली की जगह केली क्राफ्ट को राजदूत बनाया

हालांकि, एक महिला अधिकारी केली क्राफ्ट, जो संयुक्त राष्ट्र में ट्रम्प की राजदूत हैं। उन्होंने निक्की हेली की जगह ली, जो एक भारतीय-अमेरिकी हैं। हेली ट्रम्प प्रशासन में अलग समुदाय की एकमात्र अफसर थीं।

कमला हैरिस को बाइडेन ने रनिंग मेट चुना

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोसेफ आर. बाइडेन (जो बाइडेन) जूनियर ने कैलिफोर्निया के सीनेटर कमला हैरिस को अपना रनिंग मेट चुना। वे अमेरिकी चुनाव में उपराष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक कैंडिडेट हैं। उनका चुनाव कर बाइडेन ने दुनिया के सामने विविध अमेरिकी छवि का आगे बढ़ाने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया। यदि वे चुने जाते हैं, तो उन्हें ट्रम्प प्रशासन के दौरान विविधता के आधार पर खोई हुई जमीन को फिर से बनाना होगा।

जनवरी में गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी ऑफिस की एक स्टडी में पिछले दशक की तुलना में 2018 में विदेश विभाग में महिलाओं और अश्वेतों में सबसे बड़ी कमी देखी गई। स्टडी में यह भी पाया गया कि विदेश विभाग में काम करने वालों अश्वेत या अल्पसंख्यक श्वेत लोगों के समान शिक्षा, व्यवसाय या कई सालों से फेडरल सर्विस में होने के बावजूद उनकी प्रमोशन की संभावना कम थी।

श्वेत लोगों को ज्यादा प्रमोशन

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने विदेश विभाग के आंकड़े के हवाले से बताया कि 2019 के वित्तीय वर्ष में 80 अश्वेत फॉरेन सर्विस अधिकारियों और विशेषज्ञों को प्रमोट किया गया था। यह आंकड़ा 8,023 राजनयिकों में से 1% है। बाकी 1,496 राजनयिकों को प्रमोशन दिया गया। इनमें 108 हिस्पैनिक (मध्य और सेंट्रल अमेरिकी देशों वाले), 106 एशियाई और 90 अन्य अल्पसंख्यक समूहों से थे। श्वेत लोगों को ज्यादा संख्या में प्रमोशन मिला।

अमेरिका में दूसरे समुदाय के 25 से कम राजनयिकों के होने के चलते सरकार की काफी आलोचना की गई। इसके बाद विदेश विभाग ने 1 सितंबर को घोषणा की कि यह अल्पसंख्यक आवेदकों के लिए फैलोशिप की संख्या 50% बढ़ा रहा है।

एक बयान में पोम्पियो ने कहा कि फैलोशिप टैलेंटेड और क्वालिफाइड कैंडिडेट को लुभाने के लिए लाई गई थी, जो विदेश सेवा के लिए जातीय, नस्ल, लैंगिक, सामाजिक और भौगोलिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

ट्रम्प प्रशासन में उच्च पदों पर श्वेत ज्यादा

मौजूदा अमेरिकी प्रशासन में विविधता की कमी साफ नजर आ रहा है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डिप्लोमेसी के अनुसार, फिलहाल 189 अमेरिकी राजदूत विदेशों के दूतावासों में काम कर रहे हैं। इनमें केवल तीन राजनयिक अश्वेत हैं और चार हिस्पैनिक हैं। बुश के पहले कार्यकाल के दौरान 19 अश्वेत एंबेसडर थे। वहीं, ओबामा के पहले कार्यकाल के दौरान 18 थे।

अमेरिकी चुनाव से जुड़ी आप ये खबर भी पढ़ सकते हैं…

अमेरिकी चुनाव पर ओपिनियन:अमेरिका में राजनीतिक अपमान का खेल; बाइडेन सिर्फ दलीलों के दम पर चुनाव नहीं जीत सकते, कस्बाई वोटर्स का भी भरोसा जीतना जरूरी

0



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *