- नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 15 महिलाओं पर की रिसर्च, कहा, गर्भनाल में रक्त संचार बाधित होने पर भ्रूण के अंग प्रभावित हो सकते हैं
- अगर मां कोरोना से संक्रमित है तो विशेष ध्यान दें, बच्चे में आगे चलकर कोई समस्या न हो इसलिए बदलाव पर नजर रखें
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दैनिक भास्कर
May 27, 2020, 12:14 PM IST
कोरोनावायरस गर्भनाल के साथ कोख को जख्मी कर सकता है और ब्लड की सप्लाई को बाधित कर कोख में पल रहे भ्रूण के लिए खतरा बढ़ा सकता है। यह दावा अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर कोरोना का संक्रमण गर्भनाल में तक पहुंचता है तो प्री-मैच्योर डिलीवरी हो सकती है, भ्रूण के अंग नष्ट हो सकते हैं और कोख में ही मौत होने का भी खतरा है।
6 फीसदी संक्रमित महिलाओं को गर्भपात का खतरा
शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च 16 महिलाओं पर की है, उनमें से 15 गर्भवतियों ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। शोधकर्ताओं कहना है कि गर्भवती महिलाओं को काफी देखरेख की जरूरत है। संक्रमण होने पर 6 फीसदी महिलाओं को गर्भपात का भी खतरा है। यह खतरा दूसरी तिमाही में होने वाले औसतन गर्भपात से एक फीसदी ज्यादा है।
ऐसे बदलाव देखे गए
शोधकर्ता के मुताबिक, 12 गर्भवती महिलाओं की गर्भनाल में अलग तरह का जख्म देखा गया जो मां से बच्चे तक पहुंचने वाले रक्त के संचार को बाधित करता है। 16 में 6 महिलाओं के गर्भनाल में रक्त के थक्के देखे गए। शोधकर्ता और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एमिले मिलर का कहना है, हम लोगों को डराना नहीं चाहते हैं लेकिन यह परेशानी वाली बात है।
कोरोना नुकसान पहुंचा सकता है
शोधकर्ता डॉ. जेफरी गोल्डस्टीन का कहना है कि रिसर्च काफी कम महिलाओं पर की है। रिसर्च के दौरान, प्रेग्नेंट महिलाओं में बड़े नकारात्मक परिवर्तन नहीं दिखे लेकिन कोरोनावायरस गर्भनाल को नुकसान पहुंचा सकता है इसकी पुष्टि हुई है। अगर मां कोरोना से संक्रमित है तो ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चे में आगे चलकर कोई समस्या न हो।
फ्लू महामारी का दिखा था असर
पिछली रिसर्च में सामने आया था कि वो बच्चे जो 1918-19 की फ्लू महामारी में पैदा हुए उनमें हृदय रोगों का खतरा अधिक देखा गया था। शोधकर्ता डॉ. गोल्डस्टीन का कहना है कि रिसर्च से अलग कोरोना के दूसरे 4 मामलों में गर्भपात हुआ है। इनमें तीन में कोरोना का सामान्य संक्रमण था और 1 की हालत नाजुक थी।