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- Pakistan Imran Khan | Nawaz Sharif And Bilawal Bhutto To Challenge Pakistan Prime Minister Imran Khan.
इस्लामाबाद39 मिनट पहले
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फोटो मई की है। तब इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी नेताओं की एक मीटिंग बिलावल भुट्टो के घर हुई थी। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी शामिल हुईं थीं।
- पाकिस्तान में कल ऑल पार्टी कॉन्फ्रेंस होने वाली है, इसमें तमाम विपक्षी नेता शामिल होंगे
- बिलावल भुट्टो जरदारी मई से ही नवाज की बेटी मरियम के संपर्क में हैं, बाकी विपक्षी नेता भी साथ
पाकिस्तान में विपक्षी नेता कल यानी रविवार को ऑल पार्टी कॉन्फ्रेंस (एपीसी) करने जा रहे हैं। खास बात ये है कि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे। नवाज तीन महीने से लंदन में इलाज करा रहे हैं। पाकिस्तान की एक कोर्ट ने उन्हें देश वापस लाने के लिए अरेस्ट वॉरन्ट जारी किया है। आर्थिक और घरेलू मुद्दों पर घिरी इमरान खान सरकार की इस कॉन्फ्रेंस मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विपक्ष इस रैली में प्रधानमंत्री इमरान से इस्तीफे की मांग करेगा।
बिलावल की पहल रंग लाई
इमरान सरकार विपक्ष के हर बड़े नेता के खिलाफ कोई न कोई मामला दर्ज कर चुकी है। ज्यादातर मामले भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी मई से ही सभी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कई बार नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से मुलाकात की है। एक और विपक्षी नेता मौलाना फजल-उर-रहमान भी बिलावल और नवाज के साथ हैं।
नवाज भी संबोधित करेंगे
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नवाज शरीफ इस रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लंदन से संबोधित करेंगे। बिलावल ने शुक्रवार को नवाज से फोन पर बातचीत की। इसके बाद वे मरियम से भी मिलने पहुंचे। मौलाना रहमान से भी उनकी मुलाकात की खबर है। यह कॉन्फ्रेंस रविवार को होगी। बिलावल ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके बाद मरियम ने बिलावल को पिता की सेहत के लिए फिक्रमंद होने और इसकी जानकारी लेने के लिए शुक्रिया अदा किया।
इमरान इस्तीफा दें, नए चुनाव हों
कल होने वाली कॉन्फ्रेंस का एजेंडा तय है। सरकार से इस्तीफे की मांग होगी। साथ ही नए चुनाव कराने की मांग भी की जाएगी। बिलावल का रुख इमरान को लेकर बेहद सख्त है। वे इमरान को हमेशा ‘इलेक्टेड नहीं, सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर’ कहते हैं। यह सीधा आर्मी पर तंज है। दरअसल, पाकिस्तान और दुनिया का मीडिया कई बार यह साफ कर चुका है कि इमरान को चुनाव जिताने में फौज का अहम रोल है और इसके लिए बड़े पैमाने पर धांधली की गई।
सरकार के साथ नहीं विपक्ष
अक्टूबर में फाइनेंशियल टास्क फोर्स की मीटिंग होनी है। इसमें यह तय होगा कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आएगा या फिर उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। इमरान सरकार दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए इसी हफ्ते तीन बिल लाई। ये पास तो हो गए लेकिन विपक्ष ने साथ नहीं दिया। इनके जरिए टेरर फाइनेंसिंग पर रोक लगाने का वादा किया गया है। लेकिन, ये पहली बार नहीं है। पिछले साल भी पाकिस्तान ने ऐसे ही दो बिल पास किए थे। इनसे एफएटीएफ संतुष्ट नहीं था।
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