Strange IndiaStrange India


  • राग बिलावल प्रसन्न कर देने वाला राग है इसे सुबह सुनें, यह मन में जोश और उमंग भरता है, नकारात्मक विचार दूर करता है
  • राग आसवरी को खाना बनाते वक़्त सुनना चाहिये, इससे खाना भी स्वादिष्ट बनता है और साथ में तनाव दूर होता है

दैनिक भास्कर

Jun 21, 2020, 07:59 PM IST

लॉकडाउन के इस दौर में म्यूजिक थेरेपी एक अच्छा विकल्प है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के नियमों के अनुसार हर राग का एक समय होता है और उसके अनूकूल हमारे शरीर पर उसके प्रभाव भी होते हैं। मुख्य रूप से 10 राग होते हैं और 72 हजार उप-राग होते हैं।

आज वर्ल्ड म्यूजिक डे भी है। इस मौके पर मनोवैज्ञानिक डॉ. गीता नरहरि बता रही हैं कौन सा राग कब सुनें, उसके क्या प्रभाव हैं और उस राग पर कौन सा प्रचलित बॉलीवुड गीत बना है-

  • राग बिलावल : ये प्रातःकालीन खुशनुमा राग है। इससे मन जोश और उमंग से भर जाता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं। 

      गाना – ईचक दाना बीचक दाना, सुनो सजना पपीहे ने।  

  • राग भैरव : ये प्रातः काल राग है। इसे सुनने से शरीर और मन ऊर्जा से भर जाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मन प्रसन्न रहता है।

      गाना – जागो मोहन प्यारे, और सुनरी पवन पुरवैया।

  • राग भैरवी : सुबह का राग। ऑन्कोजेनिक सेल रिडक्शन में मदद करता है। कीमोथैरिपी के वक्त इसे सुनने से आराम मिलता है। सब-राग मालकौंस ब्लड प्रेशर के मरीजों को आराम देता है।

     गाना – लागा चुनरी में दाग, भोर भई पनघट पर, हमें तुमसे प्यार कितना, जिया जले जां जले, जिंहाले मस्की हैं।

  • राग आसवरी : रोमैंटिक राग, कपल्स के लिए खास। उम्मीद जगाता है, सकारात्मकता देता है। इसका सब राग – राग दरबारी है। इसी राग को तानसेन ने अकबर के लिए बनाया था। खाना बनाते वक़्त सुनना चाहिये, खाना स्वादिष्ट बनता है। टेंशन दूर करने में मदद करता है।

      गाना – जादू तेरी नजर, लो आ गई उनकी याद, हमें और जीने की चाहत ना होती। 

  • राग तोड़ी : यह भी सुबह का राग है, इसे मेडिटेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए आरामदायक। इसका सब राग- राग मियां की तोड़ी। यह सिरदर्द और सर्दी जुकाम में रिलीफ देता है।

      गाना – रैना बीती जाए, श्याम ना आए।

  • राग काफी : किसी भी वक्त सुना जा सकता है। रोमैंटिक मूड का राग है। इसका सब राग -राग मल्हार है। इसे सुनने से अस्थमा और लू के इलाज में मदद मिलती है। इसका एक और सब राग है राग बागेश्री। इससे डायबटीज और बीपी में आराम मिलता है।

      गाना – ये रात ये चांदनी फिर कहां, गैरों पर सितम अपनों पे करम।

  • राग पूर्वी : यह राग गोधूलि बेला में सुना जाता है। इसका सब राग है राग पूरिया धनश्री। यह दिमाग को स्थिर रखता है और एक सुखद एहसास देता है। एसिडिटी से बचाता है, पाचन तंत्र को ठीक रखता है।

     गाना – मोहे रंग दो लाल।

  • राग खमज : रात को सुना जाता है। इससे मन शांत होता है।

     गाना  – प्यार हुआ चुपके से, बड़ा नटखट है ये कृष्ण कन्हैया, कुछ तो लोग कहेंगे।

  • राग यमन या राग कल्याण : शाम का राग है, जो सुंदरता का बखान करता है। इसका सब राग – राग भूपाली। यह ब्लड प्रेशर कन्ट्रोल करता है।

      गाना – ज्योति कलश छलके

  • उप राग – राग हिंडोल। यह खून साफ करता है

     गाना – जिया ले गयो रे मेरा सांवरिया, मौसम है आशिकाना, वो शाम कुछ अजीब थी।

  • राग मारवा : यह शाम के वक्त सुना जा सकता है।

      गाना – पायलिया बावरी



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *