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- Fraud Of Five And A Half Lakhs From The Account Of Ram Mandir Trust, The Amount Withdrawn Twice By Cloning The Check
अयोध्या22 मिनट पहले
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त को भूमि पूजन किया था। अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। जन्मभूमि ट्रस्ट की अगली बैठक में इस पर फैसला होगा।
- बैंक ने जब वेरिफिकेशन के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को फोन किया तो इस मामले का खुलासा हुआ
- लखनऊ में पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में जालसाजों ने क्लोन चेक लगाकर रकम निकाली थी
अयोध्या में बनने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से ठगों ने क्लोन चेक के जरिए 6 लाख रुपए निकाल लिए। जब तीसरे क्लोन चेक से रकम निकालने की कोशिश की जा रही थी तो वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। ट्रस्ट ने अयोध्या में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले में साइबर सेल की भी मदद ली जाएगी।
महासचिव से वेरिफिकेशन के बाद बैंक अधिकारियों ने ट्रांजेक्शन रोका
सीओ अयोध्या राजेश राय के मुताबिक, लखनऊ के एक बैंक से क्लोन चेक बनाकर 1 सितंबर को 2.5 लाख और 3 सितंबर को 3.5 लाख रुपए निकाले गए। तीसरी बार जब 9.86 लाख रुपए के फर्जी चेक से पंजाब नेशनल बैंक में पैसे निकालने की कोशिश की गई तो वेरीफिकेशन के लिए बैंक अधिकारियों ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को फोन किया।
महासचिव ने इतने बड़े अमाउंट का चेक देने से इनकार कर दिया। इस पर बैंक अधिकारियों ने ट्रांजेक्शन रोक दिया। ट्रस्ट का अकाउंट चलाने के लिए चंपत राय और मेंबर डॉ. अनिल मिश्र को अधिकृत किया गया है।
कहां का है जालसाज?
अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार का कहना कि जालसाजी करने वाला महाराष्ट्र का है। पुलिस की एक टीम लखनऊ जांच के लिए गई है और एक टीम महाराष्ट्र गई है। आरोपी का खाता सीज कर दिया गया है। आरोपी ने खाते से 4 लाख निकाले हैं और 2 लाख अभी भी उसके अकाउंट में हैं।
ट्रस्ट ने जालसाजी पर क्या कहा?
चंपत राय ने कहा कि जालसाज ने जब तीसरा चेक लगाया तो उसका पेमेंट हम लोगों ने रुकवा दिया। बैंक में लगाए गए तीनों क्लोन चेक की ओरिजनल कॉपी ट्रस्ट के ऑफिस में मौजूद हैं।
ट्रस्ट ने अब तक कितना खर्च किया?
ट्रस्ट के मेंबर अनिल मिश्र का कहना है कि ट्रस्ट के खर्चों को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है। मंदिर कार्य और ट्रस्ट के कर्मचारियों का वेतन दिया जाता है। भोगराज और मेंटेनेंस में खर्च हुआ है। यात्रा में खर्चा हुआ है। लेकिन, कितना खर्च हुआ इसकी जानकारी नहीं है।
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