कटरा9 घंटे पहलेलेखक: अक्षय बाजपेयी
- रविवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई मां वैष्णोदेवी की यात्रा, कोरोना के चलते बहुत कम संख्या में पहुंचे भक्त
- हर भक्त का टेम्परेचर चेक किया गया, जम्मू के स्थानीय लोगों को बिना कोरोना टेस्ट के मिली मंदिर में एंट्री
पांच माह बाद शुरू हुई मां वैष्णोदेवी की यात्रा अब काफी बदल गई है। अभी जो भक्त दर्शन के लिए मां के दरबार में पहुंच रहे हैं, उन्हें न ही पंडितजी टीका लगा रहे हैं और न ही प्रसाद दे रहे हैं। पहले मंदिर प्रांगण में ही प्रसाद मिलता था, जिसे लेकर भक्त मां को चढ़ाते थे और फिर अपने साथ ले आते थे, लेकिन अभी प्रसाद की सभी दुकानें बंद हैं। भवन के अंदर कोई सामान लेकर प्रवेश नहीं किया जा सकता।
बेल्ट, मोबाइल, पर्स भी भवन के बाहर ही जमा करवाए जा रहे हैं। हालांकि, पहले जहां माता के सामने से सेकंड्स में हटा दिया जाता था, अब वहां तीन-चार मिनट तक भी भक्त खड़े हो पा रहे हैं, क्योंकि अभी यात्रियों की संख्या बेहद कम है।
भवन में पहुंचने के पहले हर यात्री को यहां टेम्परेचर चेक करवाना है और अपनी जानकारी देना है।
रविवार सुबह हमारी यात्रा ताराकोट मार्ग से शुरू हुई। सभी मीडियाकर्मियों को एम्बुलेंस वैन के जरिए मां के दरबार में ले जाया गया। मां के भवन में पहुंचने के पहले हाथों को सैनिटाइजर किया गया और सामान बाहर ही जमा करवा लिया गया। इसके बाद हमारी एंट्री मां के दरबार में हुई। प्राकृतिक गुफा के अलावा अंदर तीन अन्य गुफाएं बनाई गई हैं, जहां से मां के दर्शन होते हैं। इनमें से अभी दो गुफाएं बंद हैं। सिर्फ एक ही गुफा से भक्तों को अंदर भेजा जा रहा है।
इसी गुफा में एक तरफ से भक्त जा रहे हैं और दूसरी तरफ से वापस आ रहे हैं। यहीं से हमने भी मां की पवित्र गुफा में प्रवेश किया। कुछ ही सेकंड्स में हम मां के दरबार में पहुंच गए। पंडितजी ने टीका नहीं लगाया। आरती-प्रसाद भी नहीं दिया गया। हालांकि, दर्शन करने वाले चुनिंदा भक्त ही थे, इसलिए हम काफी देर तक मां के दरबार में खड़े हो सके। फिर इसी गुफा के वापसी वाले मार्ग से बाहर लौट आए।
भवन पर लंगर भी शुरू किए जा चुके हैं, लेकिन यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह से फॉलो किया जा रहा है।
रास्ते में हमें कई भक्त मिले, जिन्होंने यात्रा सुबह 6 बजे शुरू की थी और दोपहर 11 बजे के आसपास वे भवन के नजदीक पहुंच चुके थे। घोड़ा-खच्चर और पिट्टू की सेवाएं अभी शुरू नहीं की गई हैं, इसलिए यात्रियों को नीचे से पैदल ही आना पड़ रहा है। हालांकि, हेलीकॉप्टर की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसका एक तरफ का किराया (कटरा से सांझीछत) 1 हजार 45 रुपए है। वहीं दोनों तरफ की यात्रा 2 हजार 90 रुपए में होती है। हालांकि सांझीछत से भी मां के भवन की दूरी करीब 3 किमी है, जो पैदल ही पूरी करनी होती है। वहीं अर्धकुंवारी से बैटरी कार की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। साथ ही यहां से भैरवनाथ तक रोपवे भी शुरू किया गया है।
भवन इस तैनात पुलिसकर्मियों ने इस तरह से फेस को कवर रखा है, ताकि कोरोना से बच सकें।
वहीं चुनिंदा जगहों पर श्राइन बोर्ड ने लंगर शुरू किए हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए प्रसाद दिया जा रहा है। यदि यात्रा ठीक से चलती रही और कोरोना का कोई केस नहीं आया तो श्राइन बोर्ड जल्द ही श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ा देगा। श्राइन बोर्ड की तरफ से कोरोना को लेकर सख्त गाइडलाइन बनाई गई है। जो भक्त बाहरी राज्यों से आएंगे, उन्हें कोरोना टेस्ट यहां करवाना ही होगा। यदि आप अपने क्षेत्र से कोरोना रिपोर्ट लेकर भी आते हैं, तब भी आपको यहां आकर कोरोना का रैपिड टेस्ट करवाना ही होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्रा की परमिशन मिलेगी। दर्शन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी है।
कोरोना के चलते मंदिर में सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जगह-जगह पर सैनिटाइजर रखे गए हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार से भास्कर रिपोर्टर अक्षय बाजपेयी ने विशेष बातचीत की। पढ़िए उन्होंने यात्रा को लेकर क्या कहा….
सवाल – देशभर से जो लोग यात्रा के लिए आ रहे हैं, उनके लिए क्या- क्या करना जरूरी है?
जवाब – सबसे पहले तो यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। इस बार सिर्फ दो हजार लोगों को यात्रा की अनुमति दी गई है। इसमें से 1900 स्थानीय और 100 बाहर के लोग होंगे। बाहर से आने वाले यात्रियों का कोविड टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें यात्रा की अनुमति दी जाएगी। सभी के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य है।
जगह-जगह थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं, उससे होकर सभी को गुजरना है। सिर्फ एसिंप्टोमैटिक यात्रियों को ही अलाउ किया जाएगा, सिंप्टोमैटिक यात्री, 60 साल की उम्र से ज्यादा के लोग, प्रेग्नेंट वुमन और बच्चों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। बैट्री कार, हेलीकॉप्टर और रोपवे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चलाए जाएंगे।
सवाल – जिन यात्रियों के पास लेटेस्ट कोविड रिपोर्ट है, क्या उन्हें यहां भी टेस्ट करवाना होगा?
जवाब – हां, जो भी व्यक्ति बाहर से आएंगे उन्हें यहां कोविड टेस्ट करवाना होगा।
सवाल – कटरा में ज्यादातर रेस्टोरेंट्स और होटल बंद हैं, भक्तों के रूकने और खाने की क्या व्यवस्था है?
जवाब – कटरा में निहारिका भोजनालय, अद्धकुंवारी का भोजनालय, ताराकोट के लंगर और यहां भवन के भोजनालय को खोला गया है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। इसके अलावा यात्रियों के लिए प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है।
सवाल – अभी यात्रियों की लिमिट 2 हजार है, क्या इसे बढ़ाया जाएगा और अगर बढ़ाया जाता है तो कब तक और कितना?जवाब– टाइम टू टाइम इसका रिव्यू किया जाएगा। अभी तक की गाइडलाइन के हिसाब से सितंबर तक की लिमिट 5 हजार है।
सवाल- रास्ते में जो दुकानें बंद हैं, उन्हें कब तक खोला जाएगा?
जवाब – इन दुकानों को योजनाबद्ध तरीके से खोला जाएगा, जिससे आने वाले यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।
सवाल – हेलीकॉप्टर और रोपवे को लेकर क्या गाइडलाइन है?
जवाब – हेलीकॉप्टर और रोपवे चलेंगी। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर हेलीकॉप्टर की सीट्स होंगी तो तत्काल में भी बुकिंग दी जा सकती है।
बाहर से आने वाले भक्तों के लिए क्या करना जरूरी होगा
- कोरोना टेस्ट करवाकर आएं और रिपोर्ट साथ में लाएं। हालांकि एक रैपिड टेस्ट यहां भी होगा।
- मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करके रखें।
- फेस मास्क या कवर लेकर आएं।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें।
- होटल की बुकिंग भी ऑनलाइन शुरू हो चुकी हैं, आप पहले ही करवा सकते हैं।
- कटरा तक ट्रेनें अभी नहीं चल रही हैं, इसलिए आपको जम्मू से टैक्सी के जरिए कटरा आना होगा। जम्मू में टैक्सी मिल रही है।
- साथ में छाता भी लाएं, ताकि बारिश होने पर खुद का बचाव कर सकें।
पहले गर्भगृह से दर्शन करने में ढाई घंटे का वक्त लगता था, अब सिर्फ पांच मिनट लग रहे
पहले जत्थे में शामिल रहे रविंद्र दर्शन करके अभी आए हैं। उन्होंने बताया कि पहले गर्भगृह से माता रानी के दर्शन करने में दो से ढाई घंटे का वक्त लगता था, लेकिन आज महज पांच मिनट में दर्शन हो गए। हमने पूछा कि मां से क्या मनोकामना मांगी तो उन्होंने बताया कि दर्शन हो गए, हमारी मुराद पूरी हो गई। हम यहां हर महीने दर्शन के लिए आते रहते हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से 5 महीने से मां के दर्शन नहीं हो पाए थे। हम बस यही चाहते हैं कि फिर से इस तरह से पाबंदी नहीं लगे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट..
वैष्णोदेवी यात्रा के बारे में कटरा से ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी आप पढ़ सकते हैं……