Strange IndiaStrange India


  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Pitri Paksha 2020, Pitru Paksha Facts, Shraddha Paksha 2020, Unknown Facts Of Pitri Paksha, Why We Offer Food To Crow, Cow And Dog In Pitru Paksha

41 मिनट पहले

  • पितृ पक्ष में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करने की परंपरा, यमलोक में पितरों का वास
  • गया के तीर्थ पुरोहित पं. गोकुल दुबे से जानिए पितृ पक्ष से जुड़े सवालों के जवाब

2 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है। ये पक्ष 17 सितंबर तक चलेगा। इन दिनों में पितरों के पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं। खासतौर पर कौए, गाय और कुत्ते को भोजन देने की, चावल के बने पिंड का दान करने की परंपरा है। श्राद्ध पक्ष के संबंध में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। बिहार के गया में पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है। गया के तीर्थ पुरोहित पं. गोकुल दुबे से जानिए पितृ पक्ष से जुड़े 7 सवालों के जवाब….

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 1

1. कौए, गाय और कुत्ते को भोजन क्यों खिलाया जाता है?

सभी पितरों का वास पितर लोक और कुछ समय यमलोक भी रहता है। पितृ पक्ष में यम बलि और श्वान बलि देने का विधान है। यम बलि कौए को और श्वान बलि कुत्ते को भोजन के रूप में दी जाती है। कौए को यमराज का संदेश वाहक माना गया है। यमराज के पास दो श्वान यानी कुत्ते भी हैं। इन्हीं की वजह से कौए और कुत्तों को भोजन दिया जाता है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। इस वजह से गाय को भी भोजन दिया जाता है।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 2

2. श्राद्ध में खीर पूड़ी ही क्यों खिलाई जाती है?

पितृ पक्ष में पका हुआ अन्न दान करने का विशेष महत्व है। खीर को पायस अन्न माना जाता है। पायस को प्रथम भोग मानते हैं। इसमें दूध और चावल की शक्ति होती है। धान यानी चावल ऐसा अनाज है, जो पुराने होने पर खराब नहीं होता। जितना पुराना होता है, उतना ही अच्छा माना जाता है। चावल के इसी गुण के कारण इसे जन्म से मृत्यु तक के संस्कारों में शामिल किया जाता है।

इसीलिए पितरों को खीर का भोग लगाते हैं। एक कारण लोक मान्यता भी है। भारतीय समाज में खीर-पुड़ी आमतौर पर विशेष तीज-त्योहारों पर बनने वाला पकवान है। पितृ पक्ष भी पितरों का त्योहार है। माना जाता है कि इन दिनों में पितर देवता हमारे घर पधारते हैं। उनके आतिथ्य सत्कार के लिए खीर-पुड़ी बनाई जाती है।

इसका एक व्यवहारिक कारण और है। सावन के महीने को पुराने समय में उपवास का महीना माना जाता था। कई लोग एक महीने तक उपवास करते थे, इससे उन्हें शारीरिक कमजोरी भी होती थी। भादौ मास में श्राद्ध में खीर पुड़ी का भोजन उन्हें शक्ति दे सके इसलिए भी इस परंपरा की शुरुआत की गई।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 3

3. पिंडदान के पिंड चावल से ही क्यों बनाए जाते हैं?

सिर्फ चावल नहीं, पिंड कई तरह से बनाए जाते हैं। जौ, काले तिल से भी पिंड बनाए जाते हैं। चावल के पिंड को पायस अन्न मानते हैं। यही प्रथम भोग होता है। अगर चावल न हो तो जौ के आटे के पिंड बना सकते हैं। ये भी न हो तो केले और काले तिल से पिंड बनाकर पितरों को अर्पित कर सकते हैं।

चावल को अक्षत कहते हैं यानी जो खंडित न हो। चावल कभी खराब नहीं होते। उनके गुण कभी समाप्त नहीं होते। चावल ठंडी तासीर वाला भोजन है। पितरों को शांति मिले और लंबे समय तक वो इन पिंडों से संतुष्टि पा सकें, इसलिए पिंड चावल के आटे से बनाए जाते हैं।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 4

4. श्राद्ध कर्म के समय अनामिका उंगली में कुशा क्यों पहनते हैं?

कुशा को पवित्री कहा जाता है। कुशा एक विशेष प्रकार की घास है। सिर्फ श्राद्ध कर्म में ही नहीं, अन्य सभी कर्मकांड में भी कुशा को अनामिका में धारण किया जाता है। इसे पहनने से हम पूजन कर्म के लिए पवित्र हो जाते हैं। कुशा में एक गुण होता है, जो दूर्वा में भी होता है। ये दोनों ही अमरता वाली औषधि हैं, ये शीतलता प्रदान करती हैं।

आयुर्वेद में इन्हें एसिडिटी और अपच में उपयोगी माना गया है। चिकित्सा विज्ञान कहता है कि अनामिका उंगली का सीधा संबंध दिल से होता है। अनामिका यानि रिंग फिंगर में कुशा बांधने से हम पितरों के लिए श्राद्ध करते समय शांत और सहज रह सकते हैं, क्योंकि ये हमारे शरीर से लगकर हमें शीतलता प्रदान करती है।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 5

5. श्राद्ध करने के लिए दोपहर का समय ही श्रेष्ठ क्यों है?

मान्यता है पितृ पक्ष में दोपहर के समय किया गया श्राद्ध पितर देवता सूर्य के प्रकाश से ग्रहण करते हैं। दोपहर के समय सूर्य अपने पूरे प्रभाव में होता है। इस वजह से पितर अपना भोग अच्छी तरह ग्रहण कर पाते हैं। सूर्य को ही इस सृष्टि में एक मात्र प्रत्यक्ष देवता माना गया है जिसे हम देख और महसूस कर पाते हैं।

सूर्य को अग्नि का स्रोत भी माना गया है। देवताओं के भोजन देने के लिए यज्ञ किए जाते हैं। वैसे ही पितरों को भोजन देने के लिए सूर्य की किरणों को जरिया माना गया है।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 6

6. श्राद्ध सबसे बड़ा या सबसे छोटा पुत्र ही क्यों कर सकता है?

ऐसा नहीं है। गया तीर्थ क्षेत्र में ऐसा विधान नहीं है। कोई भी पुत्र पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म करवा सकता है। यहां प्रचलित परंपरा के अनुसार, अगर किसी पिता की सभी संतानें अलग-अलग रहती हैं तो सभी को अलग-अलग पिंडदान आदि कर्म करवाना चाहिए।

pitri paksha 2020, Pitru Paksha facts, shraddha paksha 2020, unknown facts of pitri paksha, why we offer food to crow, cow and dog in pitru paksha | कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में भोजन क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब 7

7. किसी की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण क्यों पढ़ा जाता है?

गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है। इस ग्रंथ में जन्म-मृत्यु से जुड़े रहस्य बताए गए हैं। इसमें कर्मों के आधार पर उनके फलों की जानकारी है। हमें जीवन कैसे जीना चाहिए, क्या काम करें और किन कामों से बचें, ताकि मृत्यु के बाद आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति हो सके, ये सारी बातें गरुड़ पुराण में दी गई हैं।

0



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *