Strange IndiaStrange India


  • Hindi News
  • National
  • NSG Commandos Deployed Near Buddha Jayanti Park In Ridge Road Area In Delhi

नई दिल्लीएक मिनट पहलेलेखक: विकास कुमार

  • कॉपी लिंक
  • जिस आर्मी स्कूल से थोड़ी दूर पर ही पुलिस की आतंकियों से मुठभेड़ हुई है, वहां सड़क पर बने डिवाइडर के बीच मिट्टी खुदी हुई है और जूतों के निशान हैं
  • इलाके में पुलिस से ज़्यादा टीवी के पत्रकार और कैमरे हैं, सब एक दूसरे से यही पूछ रहे हैं कि फायरिंग कहां हुई? फायरिंग वाली जगह पर कोई निशानदेही क्यों नहीं है?

दिल्ली का धौला कुआं इलाका। इसी इलाके के एक आर्मी स्कूल के पास शुक्रवार रात स्पेशल सेल और आईएसआईएस आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। आतंकियों के पास से मिले जिंदा बम को पास के बुद्ध जयंती पार्क में लाकर डिफ्यूज किया गया। ये इलाका हाईवे के नजदीक है। आमतौर पर सुनसान रहता है। जिस जगह पर पुलिस के साथ फायरिंग हुई, वहां अब आम दिनों की तरह ही ट्रैफिक दौड़ रही है।

आर्मी स्कूल में निजी सुरक्षा गार्ड बतौर काम करने वाले राजू कहते हैं, ‘सुबह जब काम पर आया तो पुलिस की बहुत सारी गाड़ियां खड़ी थीं। मैं सुबह 6 बजे यहां पहुंचा। सड़क पर पुलिस ही पुलिस थी। पूरी सड़क बंद थी। पुलिस के जवान और अधिकारी इधर से उधर घूम रहे थे। आग बुझाने वाली गाड़ियां भी थीं। दिन के नौ-दस बजे के बाद वे लोग चले गए। उसके बाद आप जैसे मीडिया वाले आ रहे हैं।’

बुद्ध गार्डन के पास सर्च के दौरान 2 प्रेशर कुकर में 15 केजी आईईडी मिला था, जिसे एनएसजी ने डिफ्यूज कर दिया है।

बुद्ध गार्डन के पास सर्च के दौरान 2 प्रेशर कुकर में 15 केजी आईईडी मिला था, जिसे एनएसजी ने डिफ्यूज कर दिया है।

जिस आर्मी स्कूल के बाहर राजू काम करते हैं, उससे थोड़ी दूर पर ही पुलिस की आतंकियों से मुठभेड़ हुई है। सड़क पर बने डिवाइडर के बीच मिट्टी खुदी हुई है और जूतों के निशान हैं। इसी इलाके में राजेंद्र अग्रवाल बिचौलिए का काम करते है, लगभग हर दिन सुबह 9 से शाम 7 तक यहीं मौजूद रहते हैं। कहते हैं, ‘मैं यहां हर रोज़ बैठता हूं। कल शाम तक यहां गड्ढा नहीं था, अभी दिख रहा है। पता नहीं क्या है लेकिन ये नया है।’ हालांकि पूरी सड़क पर पुलिस की तरफ से कोई निशानदेही नहीं की गई है। इस वजह से वहां मौजूद कोई भी नहीं जानता पता कि ठीक किस जगह पर मुठभेड़ हुई है।

इसी आर्मी स्कूल के पास कल रात स्पेशल सेल और आईएसआईएस आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।

इसी आर्मी स्कूल के पास कल रात स्पेशल सेल और आईएसआईएस आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।

राजेंद्र के मुताबिक उसी जगह एक नारियल पानी बेचने वाला भी बैठता था। आज वो नहीं दिख रहा है। राजेंद्र हमें सड़क किनारे उस जगह पर ले जाते हैं जहां वो नारियल वाला बैठता था। उस जगह के पीछे, पार्क की दीवार के पीछे तिरपाल से ढका हुआ नारियल रखा है और वहीं ईंट-लोहे की मदद से व्यायाम करने का कुछ सामान पड़ा है। इसका उपयोग कौन करता था, ये राजेंद्र को नहीं पता।

जिस बुद्ध पार्क में पुलिस के मुताबिक जिंदा बमों को डिफ्यूज किया गया है वहां केवल टीवी मीडिया से जुड़े पत्रकार हैं। सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस के कुछ जवान और अधिकारी हैं। जिस जगह पर बम को डिफ्यूज किया गया है, उसे पुलिस ने सील किया हुआ है। इस सील की हुई जगह के चारों तरफ टीवी के पत्रकार घूम-घूमकर अपनी रिपोर्टिंग कर रहे हैं। पूरे पार्क में आने-जाने पर रोक नहीं है। पुलिस ने पार्क के केवल उस दस कदम के इलाके को घेरा है, जहां बम डिफ्यूज किया गया है। इसके अलावा धौला कुआं के बाकी इलाकों में भी जिंदगी आम दिनों जैसी ही है।

सड़क का वो हिस्सा जहां गड्ढा खुदा है। राजेंद्र यहां अक्सर आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि कल शाम तक यहां कोई गड्ढा नहीं था।

सड़क का वो हिस्सा जहां गड्ढा खुदा है। राजेंद्र यहां अक्सर आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि कल शाम तक यहां कोई गड्ढा नहीं था।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से धौला कुआं तक की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है। सड़कों पर आवाजाही बाकी दिनों की तरह ही है। इस रास्ते पर कहीं पुलिस की कोई बैरिकेडिंग या गाड़ियों की तलाशी नहीं हो रही है। एक दो जगहों पर ट्रैफिक पुलिस के लोग जरूर खड़े मिले, जो सामान्य चेकिंग कर रहे हैं। आज शनिवार का दिन है। शहर में वीकली लगने वाले दो दिन के लॉकडाउन का पहला दिन है। इस वजह से दिल्ली की सड़कों पर आम दिनों की तुलना में कम ट्रैफिक है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकी यूसुफ को अफगानिस्तान के खुरासान स्थित आईएस हैंडलर्स से आदेश मिलता था। यूसुफ मूल रूप से यूपी के बलरामपुर का रहने वाला है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकी यूसुफ को अफगानिस्तान के खुरासान स्थित आईएस हैंडलर्स से आदेश मिलता था। यूसुफ मूल रूप से यूपी के बलरामपुर का रहने वाला है।

बुद्ध पार्क में पुलिस के जवानों से ज़्यादा टीवी के पत्रकार और कैमरे हैं। सब एक दूसरे से यही पूछ रहे हैं कि फायरिंग कहां हुई? फायरिंग वाली जगह पर कोई निशानदेही क्यों नहीं है? बुद्धा जयंती पार्क दिल्ली के प्रेमी युगलों के बीच काफ़ी फेमस है जिन्हें और कहीं एकांत नहीं मिलता। इस सब के बीच ऐसे कई कपल आज भी गेट तक आए। मीडिया की गाड़ियों और पुलिस की मौजूदगी को देखकर, थोड़ी देर रुके फिर अपने चले गए।

0



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *