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- Lesson Of Pitamah Bhishma, Talking Of Pitamah Bhishma And Yudhisthira, Pandav And Dropadi, Bhishma Pitamah Life Management Tips
12 दिन पहले
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- भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर थे, उस समय सभी पांडव उनसे मिलने पहुंचे, युधिष्ठिर ने पितामह से सुखी जीवन के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
महाभारत में पितामह भीष्म अर्जुन के बाणों से घायल हो गए थे और बाणों की शय्या पर लेटे हुए थे। उस समय एक दिन सभी पांडव द्रौपदी के साथ युद्ध विराम के बाद पितामह से मिलने पहुंचे। सभी ने पितामह को प्रणाम किया। भीष्म पितामह ने पांडवों को सुखी जीवन के सूत्र बताए थे।
युधिष्ठिर जानते थे कि पितामह भीष्म का अनुभव और अपार ज्ञान सभी के काम आ सकता है। इसीलिए युधिष्ठिर ने भीष्म से कहा कि पितामह, आप हमें जीवन के लिए उपयोगी ऐसी शिक्षा दें, जो हमेशा हमारे काम आ सके। कृपया आप बताएं, कैसे हमारा जीवन सुखी रह सकता है?
भीष्म ने कहा कि जब नदी का बहाव तेज होता है तो वह अपने साथ बड़े-बड़े पेड़ों को उखाड़कर बहा ले जाती है। लेकिन, छोटी-छोटी घास इस बहाव में बहने से बच जाती है। नदी का प्रवाह इतना तेज होता है कि बड़े शक्तिशाली पेड़ भी उसके सामने टिक नहीं पात हैं। घास अपनी कोमलता की वजह से बच जाती है।
इस बात में ही सुखी जीवन का महत्वपूर्ण सूत्र छिपा है। जो लोग हमेशा विनम्र रहते हैं, वे बुरे से बुरे समय में भी सुरक्षित रह सकते हैं। जबकि जो लोग झुकते नहीं हैं, वे शक्तिशाली पेड़ों की तरह बुरे समय के बहाव में बह जाते हैं।
हमें हमेशा विनम्र रहना चाहिए, तभी हमारा अस्तित्व बना रहता है, यही सुखी जीवन का मूल मंत्र है। जो लोग झुकते नहीं हैं, उन्हें दुखों का सामना करना पड़ता है।
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