मिंस्क15 दिन पहले
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हाथ में राइफल लिए बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको। हाल ही में हुए चुनावों में उन्हें 80.23% वोट मिले हैं। उन पर चुनाव में धांधली करने के आरोप हैं।
- चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर लोग लुकाशेंको से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं
- यूरोप के डिक्टेटर कहे जाने वाले लुकाशेंको 26 साल से देश के राष्ट्रपति हैं
बेलारूस के राष्ट्रगान के शुरुआती शब्द हैं, ‘हम बेलारूसियन शांति पसंद लोग हैं’, ये शब्द अब केवल राष्ट्रगान तक ही सीमित रह गए हैं। हफ्तों से जारी प्रदर्शन के बीच सोमवार को यहां के विवादित राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको खुद राइफल लेकर राजधानी मिंस्क स्थित इंडिपेंडेंस पैलेस पहुंचे।
इस राइफल से वह प्रदर्शनकारियों को साफ संदेश देना चाहते थे कि वह इन प्रदर्शनों की वजह से पीछे नहीं हटने वाले। राजधानी मिंस्क की सड़कों पर इस समय दो लाख से ज्यादा लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
चुनाव में धांधली के आरोप
रूस की पश्चिमी सीमा से सटे बेलारूस में करीब 15 दिन पहले राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। चुनाव परिणामों में 26 साल से लगातार राष्ट्रपति रहे लुकाशेंको की एक बार फिर भारी जीत हुई। उम्मीद थी कि विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना उनको कड़ी टक्कर देंगी। हालांकि, उनकी करारी हार हुई।
इसके बाद से ही लोगों ने लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली करने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन अभी तक जारी है। लुकाशेंको पर ये आरोप पहले भी लगे हैं। उन्हें डिक्टेटर माना जाता है।
बेटा भी हथियार लिए दिखा
सोमवार को प्रदर्शनकारी राजधानी मिंस्क के इंडिपेंडेंस पैलेस के पास जुट रहे थे। तभी लुकाशेंको एक हेलिकॉप्टर से वहां पहुंचे। वह हेलिकॉप्टर से उतरे तो उनके हाथ में क्लाश्निकोव-टाइप की ऑटोमैटिक राइफल थी। हालांकि, यह लोड नहीं थी। उन्होंने वहां पर सुरक्षा कर्मियों से मुलाकात की। वीडियो में लुकाशेंको बुलेटप्रूफ जैकेट पहने दिख रहे हैं। यहां पर राष्ट्रपति का आवास भी है। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक की। राष्ट्रपति आवास में लुकाशेंकों का बेटा भी बुलेट प्रूफ जैकेट और हथियार के साथ नजर आया।
स्वेतलाना ने देश छोड़ा
33 साल की स्वेतलाना पहले टीचर थीं। उनके पति लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता हैं। उन्हें लुकाशेंको प्रशासन ने जेल में डाल दिया था। इसके बाद से स्वेतलाना खुद मोर्चा संभाला। हालांकि, चुनाव के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया। वह अब लिथुआनिया में हैं। सोमवार को दो और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
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