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12 दिन पहले

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  • शिवजी-पार्वती के साथ गणेशजी के परिवार की पूजा करने से जल्दी सफल हो सकती है पूजा

अभी गणेश उत्सव चल रहा है। इन दिनों में शिव-पार्वती और गणेश के साथ ही उनके परिवार की भी पूजा करने पर पूजा जल्दी सफल हो सकती है। गणेश के परिवार में उनकी दो पत्नियां रिद्धि-सिद्धि और दो पुत्र क्षेम और लाभ हैं। कुछ मान्यताओं में गणेशजी की एक पुत्री संतोषी भी बताई गई हैं। इन सभी की पूजा एक साथ करना ज्यादा शुभ रहता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गणेशजी परिवार के देवता है। इनकी भक्ति से घर-परिवार में सुख-समृद्धि रहती है और शुभ-लाभ बना रहता है। क्षेम को शुभ के नाम से भी जाना जाता है। किसी भी शुभ में स्वास्तिक बनाकर शुभ-लाभ लिखते हैं। स्वास्तिक गणेशजी का प्रतीक चिह्न है।

ऐसा है शिवजी का परिवार

शिवजी के परिवार में माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी, गणेशजी हैं। शिवजी के वाहन नंदी, माता का शेर, कार्तिकेय का वाहन मयूर, गणेशजी का वाहन मूषक है। कार्तिकेय स्वामी ब्रह्मचारी माने गए हैं। गणेशजी की दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि हैं। इनके दो पुत्र क्षेम और लाभ हैं।

मान्यता है कि जो लोग इन सभी की पूजा एक साथ करते हैं, उनके घर में सभी सुखों का आगमन होता है।

how to worship to lord Ganesha, life management tips about good life, Lord ganesha worship tips | गणेशजी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि यानी रिद्धि-सिद्धि का आगमन होता है और परिवार में शुभ-लाभ बना रहता है 1

ये है गणेशजी का जीवन प्रबंधन

पं. शर्मा के अनुसार घर के मुखिया का स्वभाव गंभीर होना चाहिए। गणेशजी का सिर हाथी का और धड़ मनुष्य की तरह है यानी व्यक्ति की बुद्धि हाथी की तरह गंभीर होनी चाहिए। घर-परिवार से जुड़ी सभी बातों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हाथी खूब सोच-विचार कर ही काम करता है। हाथी को जल्दी क्रोध भी नहीं आता। हाथी की तरह हमेशा धैर्य रखें और शांति से काम करना चाहिए।

गणेशजी बुद्धि के देवता है। जब बुद्धि का उपयोग करते हुए धैर्य और शांति के साथ गंभीर होकर काम किया जाता है, तब रिद्धि-सिद्धि यानी सुख-समृद्धि, शुभ-लाभ की प्राप्त होती है। जब ये सब जीवन में आ जाते हैं, तब हमें संतोष मिलता है।

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