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  • चीन इस क्षेत्र के लगभग 80% से ज्यादा क्षेत्रों पर अपना दावा करता है
  • वियतनाम और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं

दैनिक भास्कर

Jul 03, 2020, 09:36 PM IST

वॉशिंगटन. कोरोनावायरस और हॉन्गकॉन्ग में सुरक्षा कानून लाए जाने के बाद चीन का अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच चीन ने दक्षिण चीन सागर में मिलिट्री ड्रील का फैसला किया। फिलीपींस और वियतनाम ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि इससे चीन का पड़ोसी देशों के साथ भी रिश्ते खराब होंगे।

उधर, अमेरिका ने चिंता जताते हुए कहा कि इस हरकत से क्षेत्र में तनाव और बढ़ेगा। चीन यहां 1-5 जुलाई तक सैन्य अभ्यास कर रहा है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इससे दक्षिण चीन सागर में स्थिति बिगड़ेगी। इस क्षेत्र में विवादित गतिविधियों को रोकने के लिए हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन होगा।

मिलिट्री डील उकसाने वाला

फिलीपींस के रक्षा सचिव डेलफिन लोरेंजाना ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन का मिलिट्री ड्रील उकसाने वाला है। वहीं, वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने ऐसा कर संप्रभुता का उल्लंघन किया है। इससे चीन का दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ रिश्ते खराब होंगे।

चीन इस क्षेत्र को कब्जे में करना चाहता है

वियतनाम और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं। उनका मानना है कि चीन इस क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहता है। साथ ही वह इंटरनेशनल मैरिटाइम लॉ का उल्लंघन करता है। चीन इस क्षेत्र के लगभग 80% से ज्यादा क्षेत्रों पर अपना दावा करता है।

दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के बीच विवाद है। इनमें ब्रुनेई, चीन, जापान, मलेशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।

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