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  • Money Will Be Deducted From Your Bank, You Will Not Get OTP And The Bank Will Say The Mistake Is Yours, Beware Of Banking Fraud

मुंबई5 मिनट पहलेलेखक: अजीत सिंह

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यस बैंक के ग्राहक के खाते से 6 दिनों में 42368 रुपए पेटीएम के जरिए निकाल लिए गए। बैंक कह रहा है कि यह ग्राहक की गलती है। -फाइल फोटो

  • यस बैंक के ग्राहक के पेटीएम के जरिए ट्रांसफर हो गए 42,368 रुपए, कस्टमर का न तो पेटीएम खाता है और न ही इंटरनेट बैंकिंग सुविधा
  • 11 ट्रांजेक्शन में ग्राहक के इन पैसों का 6 दिनों में ट्रांसफर किया गया; बैंक कहता है कि यह ग्राहक की गलती है और उसी ने सब लीक किया है

हो सकता है कि बैंक की ओर से आपको ओटीपी नहीं आए। कई बार में आपके बैंक खाते से पेटीएम के जरिए पैसे कट जाएं। आप इसकी शिकायत लेकर बैंक के पास जाएंगे तो बैंक कहेगा गलती आपकी है। बैंक यह भी कहेगा कि आपने खुद किसी को इसके लिए कहा है और आपने पूरा बैंकिंग डिटेल उसे दे दिया है। यस बैंक के एक खाताधारक की कहानी कुछ ऐसी ही है।

सैलरी अकाउंट में से कटा पैसा

मुंबई के शहाब शेख को अचानक सुबह के 3 बजे यस बैंक से फोन आता है। फोन करनेवाला कहता है कि आपने पेटीएम के जरिए बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर किया है। शहाब शेख सुनकर दंग हो जाते हैं, क्योंकि उनका न तो पेटीएम अकाउंट है न ही वे इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करते हैं। ऐसे में बैंक खाते से पेटीएम में पैसा ट्रांसफर कैसे हो सकता है?

कोई मैसेज नहीं, कोई ओटीपी नहीं

शहाब शेख ने उसके बाद फोन मैसेज चेक किया तो न तो कोई ओटीपी न ही बैलेंस संबंधित कोई मैसेज उन्हें मिला। उनके खाते से 11 जुलाई से 16 जुलाई तक 11 बार पेटीएम के खाते में पैसे भेजे गए। कुल 42,368 रुपए भेजे गए। 6 दिन में 11 ट्रांजेक्शन और कोई मैसेज नहीं। शहाब कहते हैं कि जब फोन आया तो बैंक कर्मचारी ने कहा कि उन्हें शक है कि कोई फ्रॉड ट्रांजैक्शन कर रहा है, इसलिए कार्ड ब्लॉक करना चाहते हैं। यानी बैंक को यह पता था कि यह फ्रॉड है तो फिर ग्राहक की गलती कैसे हुई?

पासबुक अपडेट कराने पर पता चला पैसा गायब

शहाब ने जब बैंक की शाखा में पासबुक अपडेट कराया तो इस ट्रांजैक्शन के बारे में पता चला। उन्होंने बैंक से संपर्क किया। बैंक ने कहा ठीक है कुछ दिनों में पैसे मिल जाएंगे, लेकिन बाद में कहा कि यह तो शहाब की ही गलती है, क्योंकि उन्होंने किसी को अपनी पूरी डिटेल दे दी है और उसके जरिए ट्रांजैक्शन हुआ है। शेख ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में 17 जुलाई को शिकायत की। पुलिस ने इस संबंध में बैंक को पत्र लिखा कि वह जानकारी मुहैया कराए।

पुलिस ने बैंक से मांगी फ्रॉड की जानकारी

पुलिस ने जो जानकारी मांगी बैंक से वह यह कि ग्राहक को ओटीपी क्यों नहीं गया? फ्रॉड की पूरी जानकारी दी जाए और किस तरह से बैंकिंग डिटेल्स लीक हुआ, इसकी जानकारी दी जाए। हालांकि बैंक ने इसकी जानकारी पुलिस को अभी तक नहीं दी है। इस मामले में यस बैंक के एमडी एवं सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि इसकी जांच पूरी हो चुकी है। इसमें बैंक की कोई गलती नहीं। बैंक के ग्राहक ने डेबिट कार्ड की पूरी जानकारी किसी को दी है।

आरटीजीएस के ओटीपी से बैंक कह रहा है वह सही है

उन्होंने कहा कि ग्राहक को 17 जुलाई को आरटीजीएस के लिए ओटीपी मिला था। शहाब शेख का कहना है कि उनको जब इस फ्रॉड की जानकारी मिली तो वे बैंक की शाखा में जाकर फॉर्म भर कर अपने पूरे पैसे दूसरे बैंक में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए। ऐसे में शाखा से आरटीजीएस भेजने में कोई ओटीपी नहीं आता है। बैंक झूठ बोल रहा है।

कई सारे कर्मचारियों ने बैंक से पैसे निकालना शुरू कर दिया

वे कहते हैं कि उनके ढेर सारे जो ऑफिस के सहयोगी हैं वे यस बैंक से पैसे निकाल रहे हैं। यस बैंक पूरी तरह से झूठ बोल रहा है। शहाब कहते हैं कि इस घटना के पहले मैने एटीएम से जब भी ट्रांजैक्शन किया, पर बैंक से कोई नहीं आया। लेकिन इस घटना में बैंक से सुबह 2.55 बजे फोन आता है। इसके बावजूद बैंक ने पेटीएम ट्रांजैक्शन को नहीं रोका।

आपके साथ भी यह हो सकता है

दरअसल इस तरह की घटना अकेले यस बैंक या शहाब के साथ नहीं हो सकती। आप का खाता किसी भी बैंक में हो, आपके साथ भी यह घटना हो सकती है। बैंकिंग फ्रॉड में आजकल नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। रेग्युलेटर आरबीआई हमेशा इस बारे में सावधान करता है। उसके कैंपेन में फ्रॉड से बचने के तरीके बताए जाते हैं।

कैसे बचें इस तरह के फ्रॉड से

आरबीआई और बैंकिंग सेक्टर के जानकार कहते हैं कि आप इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं तो आपको बहुत सावधानी रखनी होगी। किसी भी हालत में अपने किसी भी दोस्त को क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स न दें। किसी भी पब्लिक वाई-फाई या इंटरनेट नेटवर्क से अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन न करें। बैंकिंग खाते को हमेशा मोबाइल नंबर के साथ अपडेट करें। बैंकिंग डिटेल्स जैसे डेबिट कार्ड की सीवीवी, नंबर या पिन मोबाइल में न रखें।

ऑन लाइन के लिए अलग से खाता रखें

आप किसी भी पेमेंट ऐप को बहुत ज्यादा अधिकार न दें। आप को चाहिए कि इंटरनेट बैंकिंग या ऑन लाइन बैंकिंग के लिए एक ऐसा खाता रखें जिसमें महज कुछ हजार रुपए हों। ताकि अगर ऐसी घटना हो तो आपका बड़ा नुकसान होने से बच जाएगा। हमेशा अपने मेन बैंक अकाउंट को कहीं भी लिंक करने से बचें। साथ ही आप बैंकिंग कस्टमर केयर की जानकारी रखें और ऐसी घटना होने पर तुरंत कार्ड ब्लॉक करें।

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