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  • अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, अधिक गर्म तापमान का महामारी पर न के बराबर असर होगा
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोनावायरस किसी भी क्षेत्र में फैल सकता है चाहें वहां तापमान अधिक हो या नमी

दैनिक भास्कर

May 20, 2020, 02:35 PM IST

भारत में धीरे-धीरे तापमान बढ़ रहा है लेकिन इसका असर कोरोनावासयरस पर नहीं पड़ने वाला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक गर्म जलवायु या नमी होने पर भी कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की रफ्तार को धीमा नहीं किया जा सकता है। यह दावा अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।
साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, एक बड़ी संख्या में लोगों को कोरोनावायरस का खतरा है। शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्राजील, इक्वाडोर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश जहां गर्मी में कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ वहां यह तेजी से फैला। 

कोविड-19 में मौसम के मुताबिक बदलाव आ सकते हैं
शोधकर्ताओं का कहना है कि रिसर्च के नतीजों से एक बात तय है कि अधिक गर्म तापमान का महामारी पर बहुत ही कम असर होगा। बिना वैक्सीन के लिए कोरोना को कंट्रोल करना मुश्किल है। अगर यह तैयार नही हुई तो कोविड-19 में मौसम के मुताबिक बदलाव आएंगे।

तापमान और कोरोना पर डब्ल्यूएचओ की राय
अधिक तापमान वाले देशों में संक्रमण के मामले घटेंगे या बढ़ेंगे, इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि अब तक मिले वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर एक बात साफ है कि कोरोनावायरस किसी भी क्षेत्र में फैल सकता है चाहें वहां तापमान अधिक हो या नमी। इसलिए सबसे बेहतर तरीका है कि खुद का बचाव करें। मुंह, नाक और आंख को छूने से बचें। हाथों को बार-बार धोते रहें।

भारत सरकार ने भी अलर्ट किया

अधिक तापमान बढ़ते ही कोरोना के संक्रमण रुकने का दावा करने वाली अफवाहों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी बयान जारी किया। उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, कोरोनावायरस को लेकर जो ऐसे दावे किए जा रहे हैं उनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। 

इंसान का व्यवहार और हेल्थ सिस्टम रोक सकते हैं संक्रमण

ब्रिटेन के सेंटर फॉर हाइड्रोलॉजी एंड इकोलॉजी का कहना है कि किसी खास क्षेत्र, तापमान या नमी का कोरोनावायरस पर असर नहीं होता। इंसानों के व्यवहार, हेल्थ सिस्टम और सरकारी नीतियों का इस पर असर होता है। इंसान वायरस से बचने के लिए कितना जागरुक है यह जरूरी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में कितना प्रभावी तरीके से काम किया जा रहा है, यह सारे फैक्टर संक्रमण रोकने में मदद कर सकते हैं।



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