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  • इंटेलीजेंस कलेक्शन के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दर्ज की प्राथमिकी
  • विधायक सुरेश टांक, खुशवीर सिंह व ओमप्रकाश हुडला पर लगे खरीद फरोख्त के आरोप
  • दूसरी तरफ, एसओजी पुलिस ने भाजपा से जुड़े दो स्थानीय नेताओं को पकड़ा, पूछताछ जारी

दैनिक भास्कर

Jul 11, 2020, 04:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी सक्रिय हो गई है। यहां एसीबी ने इस खरीद फरोख्त के मामले में तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी जांच (पीई) दर्ज की है। शनिवार को इसका खुलासा हुआ। इसके बाद एसीबी के डीजी डॉ. आलोक त्रिपाठी ने भी इसकी पुष्टि की। 

एसीबी के अनुसार जिन तीन विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनमें महवा, जिला दौसा से विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, किशनगढ़, जिला अजमेर से विधायक सुरेश टांक और पाली जिले में मारवाड़ जंक्शन से विधायक खुशवीर सिंह बताया जा रहा है। आरोप है कि इन तीनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा में विधायकों से संपर्क किया था। उन्हें खरीद फरोख्त के लिए करोड़ों रूपए की रकम देने का प्रलोभन दिया था। अब एसीबी पीसी एक्ट के तहत इन विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। 

एसओजी को दी गई शिकायत में लगाए गए थे ये आरोप

राज्य सभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोप लगाया था कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के विधायकों व इसको समर्थन दे रहे विधायकों को प्रलोभन देकर राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को प्रभावित करने व सरकार अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में दो मोबाइल नंबर दिए गए है। आरोप है कि इन्हीं नंबरों से फोन कर विधायकों से खरीद फरोख्त कर सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी। इस संबंध में महेश जोशी ने एसओजी और एसीबी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी।

इसके बाद एसओजी ने शुक्रवार को विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ से महिला विधायक रमीला खड़िया और पूर्व मंत्री और वर्तमान में बांसवाड़ा जिले से कांग्रेसी विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम सामने आया है। इन्हें विपक्षी दल की ओर से मोटी रकम का लालच देकर खरीद फरोख्त की कोशिश की गई थी। 

मामले में एसओजी ने भाजपा से जुड़े दो स्थानीय नेताओं को पूछताछ के लिए पकड़ा

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बताया कि हथियारों की तस्करी से जुड़े मामले में दो मोबाइल नंबरों (9929229909 और 8949065678) को सर्विलांस पर लिया हुआ था। इन पर हुई बातचीत में सामने आया कि राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने की साजिश रची गई थी। विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की जानकारी भी सामने आई है।

इसके बाद अजमेर जिले के ब्यावर से भरत मालानी और बांसवाड़ा के रहने वाले अशोक सिंह मेहतवाला को उदयपुर से पकड़ा गया। यह भी सामने आया कि भरत ब्यावर से चुनावों में पार्टी प्रत्याशी का टिकट मांग चुका है। वह सीए है। जबकि दूसरी तरफ अशोक सिंह भाजपा में प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य रह चुका है। मोबाइल नंबरों के आधार पर एसओजी ने यह कार्रवाई की है। इन दोनों से पूछताछ जारी है।  

ब्यावर से भरत मालानी और बांसवाड़ा के रहने वाले अशोक सिंह मेहतवाला को उदयपुर से पकड़ा गया।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बोले- यह सरकार खुद अंतर्कलह का शिकार

वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कोरोना के प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल रही है। इन सब बातों से ध्यान हटाने के लिए राजस्थान सरकार ने ये पैंतरा अपनाया है। खरीद-फरोख्त के जो आरोप हैं वह भाजपा को बदनाम करने की साजिश है। एसओजी जिस कांग्रेस विधायक की खरीद-फरोख्त की बात कह रही है। वह विधायक ही ऐसा कुछ नहीं होने की बात कह रही है। यह सरकार खुद अंतर्कलह का शिकार है।



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