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  • कॉटन के कपड़े का तीन लेयर वाला मास्क बेहतर है क्योंकि यह पसीना सोखने के साथ संक्रमण से बचाता है और सांस लेने में भी आसानी रहती है​​​​​
  • अमेरिका की सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने सलाह दी है कि कपड़े से बने मास्क को बनाने और लगाने दोनों का सही तरीका समझना जरूरी

अंकित गुप्ता

Jun 03, 2020, 02:19 PM IST

नई दिल्ली. दुनियाभर के शोधकर्ताओं का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं तैयार होती है तब तक मास्क ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है लेकिन लोगों के बीच यह कंफ्यूजन है कि मास्क कैसा होना चाहिए। इसे समझने से पहले ये जान लीजिए कि मास्क के बारे में रिसर्च, विश्व स्वास्थ्य संगठन और एक्सपर्ट क्या कहना है।

हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी और मेरीलैंड यूनिवर्सिटी की स्टडी में वायरल से जूझ रहे लोगों से बिना मास्क लगाए एक ट्यूब में सांस छोड़ने को कहा। जांच में पाया गया कि खतरनाक सांस की बूंदें और छोटे पार्टिकल्स हवा में 30 प्रतिशत तक छोड़े। जबकि मास्क करीब 100 फीसदी संक्रामक वायरसों को रोकने में सफल रहा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन : ज्यादा से ज्यादा मास्क लोगों तक पहुंचाना जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेष प्रतिनिधि डॉ. डेविड नवारो कहते हैं कि, मैं ज्यादातर लोगों को मास्क पहनाने का समर्थन करता हूं, क्योंकि यह वायरस किसी को भी तेजी से अपनी चपेट में लेता है। अगर हम स्थानीय स्तर पर ही मास्क बना सकें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मास्क पहनाए जा सकें, तो संक्रमण रोकने में मदद मिल सकती है।

मास्क के साथ कहना चाहूंगा कि लोग खांसने के तरीके सीखें। खांसते वक्त कपड़े का इस्तेमाल करें। बार-बार हाथ धोएं, यह बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। 

सरकारी एडवायजरी : घर का बना मास्क बड़े पैमाने पर संक्रमण से बचाएगा
पीएम मोदी और केंद्र सरकार ने  लोगों से कपड़े से घर में बनाए हुए फेस कवर (मास्क) पहनने को कहा। एडवायजरी के मुताबिक, घर में बने मास्क पहनने से बड़े पैमाने पर लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। घर से निकलते वक्त लोग कपड़े से घर में बने मास्क जरूर पहनें। 

एक्सपर्ट की सलाह- कपड़े के मास्क में एक नहीं, तीन लेयर रखें; सिंगल लेयर वाला रूमाल-गमछा वायरस रोकने में प्रभावी नहीं 1

सवाल-जवाब : कपड़े का मास्क कैसा होना, क्या गलतियां न करें और इसे लगाते समय क्या ध्यान रखें…ऐसे कई सवालों के जवाब दे रही हैं एम्स भोपाल के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ. नीलकमल कपूर…

Q1) गमछा, रुमाल और घर पर बने मास्क कितने सेफ हैं?
नाक और मुंह को ढकने के लिए जो कपड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है वह सिंगल लेयर वाला नहीं होना चाहिए। अगर गमछा का इस्तेमाल कर रहे हैं उसे इस तरह आंख के नीचे से लेकर ठोडी तक इस तरह बांधें कि तीन लेयर बनें, तभी वायरस के कणों से बचाव हो सकता है। रुमाल सिंगल लेयर है तो यह सही नहीं है क्योंकि अक्सर रुमाल नीचे की तरफ से खुला रहता है इससे संक्रमण का खतरा रहता है।

Q2) फैशनेबल मास्क कितना संक्रमण से बचाते हैं?
मास्क कोई भी हो बशर्ते वह तीन लेयर में हों, नाक और मुंह को ढंक सके और चारों तरह से टाइट होना चाहिए ताकि हवा या ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस के कण इसे पार न कर सकें।

Q3)  मास्क लगाने वाले अक्सर क्या गलतियां करते हैं?
अक्सर लोग मास्क लगाते समय इसकी डोरियों को टाइट नहीं करते। कई बार ऊपरी डोरी बांधते हैं और नीचे की छोड़ देते हैं। कुछ लोग बार-बार मास्क नाक से खिसका देते हैं। ऐसा न करें। इस तरह मास्क लगाने से संक्रमण का खतरा रहता है। कहीं जा रहे हैं, ऑफिस में हैं या बाजार में हैं घर से बाहर रहने पर हर समय मास्क लगाए रखें। मास्क हटाकर बिना हाथ धोए मुंह, नाक न छुएं।

एक्सपर्ट की सलाह- कपड़े के मास्क में एक नहीं, तीन लेयर रखें; सिंगल लेयर वाला रूमाल-गमछा वायरस रोकने में प्रभावी नहीं 2

Q4) होममेड मास्क में कौन सा कपड़ा लगाएं?
किसी खास तरह के कपड़े को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं है। कॉटन का कपड़ा बेहतर है, इसकी तीन परतें बनाकर मास्क तैयार कर सकते हैं। यह संक्रमण से बचाता है, पसीना सोखता है और सांस लेने में दिक्कत नहीं होती। 

Q5) मास्क कैसा होना चाहिए?
मास्क ऐसा होना चाहिए जो आंखों के नीचे से लेकर ठोड़ी तक कवर करे। यह ढीला नहीं होना चाहिए। चिकित्सा क्षेत्र में अलग-अलग लोगों के लिए मास्क अलग हैं लेकिन आम जनता के लिए सबसे बेहतर है वे तीन लेयर वाला कपड़े का मास्क लगाएं। हर व्यक्ति अपने पास 2-3 मास्क रखे ताकि उसे धोकर इस्तेमाल किया जा सके। इसे रोजाना साबुन-पानी से धोएं और धूप में सुखाएं। 

Q6)  कौन सा मास्क सबसे बेहतर, सर्जिकल या कपड़े वाला?

सर्जिकल मास्क के मुकाबले कपड़ा ज्यादा पोरस होता है क्योंकि इसके छेद बड़े होते हैं। इसलिए सर्जिकल मास्क ज्यादा बेहतर है लेकिन यह उपलब्ध न होने पर कपड़े का तीन परत वाला मास्क ही पहनें। रिसर्च में यह साबित हुआ है कि दोनों तरह के मास्क वायरस के कणों को रोकने में काफी हद तक सफल हैं। 



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