- पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल और श्वसारि नाम की दवा लॉन्च की है
- बालकृष्ण ने कहा- लाइसेंस लेने में कुछ भी गलत नहीं किया, सभी प्रक्रियाओं का पालन किया
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दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 02:07 AM IST
नई दिल्ली. कोरोनावायरस के इलाज के लिए पतंजलि की कोरोनील दवा पर विवाद बढ़ गया है। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा है कि पंतजलि आयुर्वेद को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले दवा का प्रचार नहीं करना चाहिए। इसके जवाब में पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमने कोरोनिल का प्रचार नहीं किया। सिर्फ लोगों को इसके नतीजे बताए हैं।
नाइक ने कहा, “जब तक अंतिम मंजूरी न मिले, उन्हें (पतंजलि आयुर्वेद) अपनी दवा (कोरोनिल) का प्रचार नहीं करना चाहिए। हमने उनसे कुछ प्रक्रियाएं पूरी करने को कहा है। उन्होंने हमारे पास दवा भेजी है, जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।” इससे पहले नाइक ने कहा था कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, यह अच्छी बात है। लेकिन नियम के अनुसार पहले इसे आयुष मंत्रालय में जांच के लिए देना होगा।
पतंजलि ने दो दवा लॉन्च कीं
कोरोनिल और श्वसारि नाम की दवा लॉन्च करते हुए रामदेव ने कहा था कि इनसे सिर्फ 7 दिन में मरीज 100% ठीक हो जाएंगे। सरकार ने दवा की लॉन्चिंग के पांच घंटे बाद विज्ञापन पर रोक लगा दी थी।
लाइसेंस मिलने पर उठे थे सवाल
उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट के लाइसेंस ऑफिसर ने बुधवार को कहा था कि हमने इम्युनिटी बूस्टर, खांसी और बुखार के लिए लाइसेंस की मंजूरी दी थी। इसमें कोरोनावायरस का का जिक्र नहीं था। ऑफिसर ने कहा था कि नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि कोविड-19 की किट के लिए मंजूरी कहां से मिली।
इस पर आचार्य बालकृष्ण ने गुरुवार को कहा कि हमने लाइसेंस प्राप्त करते समय कुछ भी गलत नहीं किया। सभी प्रक्रियाओं का पालन किया। दवा में इस्तेमाल हुए कम्पाउंड्स के साक्ष्य के आधार पर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हमने कम्पाउंड्स पर काम किया और लोगों के सामने क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे रखे हैं।