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एक मिनट पहले

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अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव की तारीख बदलने की अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है। इसके लिए ट्रम्प को संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट से बिल मंजूर कराना होगा।

  • अगर ट्रम्प दोनों सदनों से बिल पास भी करा लेते हैं तो भी वे ज्यादा समय तक चुनाव नहीं टाल पाएंगे
  • अमेरिका के संविधान के 20 अमेंडमेंट के तहत राष्ट्रपति चुनाव 20 जनवरी तक हर हाल में कराने होंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सुझाव दिया है कि 2020 में होने वाला इलेक्शन टाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में मेल इन सिस्टम से वोटिंग होनी है। यह अमेरिकी इतिहास के सबसे गलत और फर्जी चुनाव साबित होंगे। यह अमेरिका के लिए बेहद शर्म की बात होगी।

ट्रम्प के लिए चुनाव टालना आसान नहीं

अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव की तारीख बदलने की अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है। इसके लिए ट्रम्प को संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट से बिल मंजूर कराना होगा। सीनेट में तो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। लेकिन, निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है।

अगर ट्रम्प दोनों सदनों से बिल पास भी करा लेते हैं तो भी वे ज्यादा समय तक चुनाव नहीं टाल पाएंगे। अमेरिका के संविधान के 20 अमेंडमेंट के तहत राष्ट्रपति चुनाव 20 जनवरी तक हर हाल में कराने होंगे।

पहले भी कर चुके मेल-इन बैलेट का विरोध

ट्रम्प ने पहले भी मेल-इन बैलेट्स को धोखा बताया था। उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स 2020 के चुनावों में धोखेबाजी करना चाहते हैं। 22 जून को उन्होंने एक ट्वीट किया था। इसमें कहा था कि दूसरे देशों से लाखों लोग मेल-इन बैलेट भेज देंगे। उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स महामारी की आड़ में लाखों फर्जी मेल इन बैलेट भेजकर चुनाव में धोखाधड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, हम ऐसा होने नहीं देंगे।

ट्रम्प भी मेल-इन-बैलेट का इस्तेमाल कर चुके हैं

2016 में लगभग एक चौथाई अमेरिकियों ने मेल से वोट डाला था। हाल के दिनों में ट्रम्प, उपराष्ट्रपति माइक पेंस, फर्स्ट लेडी मेलानिया, ट्रम्प की बेटी इवांका, दामाद जेरेड कुश्नर, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयलेग मैकनेनी और अटॉर्नी जनरल भी मेल वोटिंग का इस्तेमाल कर चुके हैं।

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