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जयपुर6 मिनट पहले

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  • सचिन पायलट खेमे को भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर हाईकोर्ट अब 24 जुलाई को फैसला सुनाएगा
  • स्पीकर सीपी जोशी ने कोर्ट के कहने पर पायलट समेत 19 विधायकों पर कार्यवाही 3 दिन और टाली

राजस्थान में सियासी घमासान का आज 13वां दिन है। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर को बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का हक है।

जोशी ने कहा, ‘संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदारियां तय की हैं। स्पीकर होने के नाते मैंने कारण बताओ नोटिस दिया। अगर अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा।’ इससे पहले मंगलवार को 19 विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस मामले में हाईकोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की थी। बहस पूरी होने के बाद 24 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रख लिया। तब तक स्पीकर इन विधायकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर सकते हैं।

दरअसल, कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी की शिकायत पर स्पीकर ने 14 जुलाई को इन विधायकों को दल बदल विरोधी कानून के तहत सदस्यता खारिज करने का नोटिस दिया था। स्पीकर से शिकायत में कहा गया था कि विधायक दल की बैठक के लिए पार्टी ने व्हिप जारी किया था, लेकिन पायलट खेमे ने इसका पालन नहीं किया। उधर, पायलट खेमे का कहना है कि व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान लागू होता है ना कि पार्टी बैठक के लिए।

अब तक क्या हुआ? 
14 जुलाई: स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
16 जुलाई: नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट चले गए। पीछे-पीछे व्हिप चीफ महेश जाेशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
17 जुलाई: हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और मामला दो जजों की बेंच में भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
18 जुलाई: अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्यवाही नहीं करें। स्पीकर ने भी इसकी पालना करते हुए कार्यवाही टाली।
20 जुलाई: हाईकोर्ट ने बहस पूरी न हो पाने के कारण कहा- 21 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
21 जुलाई: हाईकोर्ट ने फिर मामले को सुना और फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।

हाईकोर्ट का फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आया तो
पायलट सहित 19 विधायकों की सदस्यता बची रहेगी। अगर गहलोत सरकार ने व्हिप जारी कर फ्लोर टेस्ट किया, तब इन्हें सरकार के पक्ष में वोट करना होगा। अगर नहीं किया तो सदस्यता जाने का खतरा रहेगा। फ्लोर टेस्ट से बाहर रहे तो फिर भी सदस्यता जा सकती है।

और स्पीकर के पक्ष में आया तो
सभी 19 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। हालांकि, हाईकोर्ट में चली बहस में स्पीकर के वकीलों ने दलील दी कि नोटिस के मामले में सभी विधायकों पर एक साथ कार्रवाई नहीं होगी। बल्कि केस टू केस मामला देखा जाएगा। ऐसे में जो विधायक पायलट खेमा छोड़ने को तैयार होगा उसे राहत मिल सकती है।

Rajasthan crisis live updates congress and bjp sachin pilot and ashok gehlot 22 july | विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे, कहा- बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का हक है 1

यह फोटो फेयरमोंट होटल का है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को यहां विधायक दल की बैठक की थी।

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