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- Raghuvansh Prasad News: Raghuvansh Prasad Singh Sent Resignation Letter To RJD Cheif Lalu Prasad Yadav Amid Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020
पटना3 मिनट पहले
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लालू यादव के करीबी रहे रघुवंश प्रसाद की ट्यूनिंग तेजस्वी यादव से नहीं बैठ रही थी। (फाइल फोटो)
- रघुवंश ने लिखा- पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें
- रघुवंश के इस्तीफे से बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद को बड़ा झटका लगा है। कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रघुवंश 32 साल से पार्टी से जुड़े थे और लालू के बेहद करीबी नेताओं में माने जाते हैं। लालू यादव के चारा घोटाला में जेल जाने के बाद से पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ में है। रघुवंश तेजस्वी के कुछ फैसलों और रामा सिंह को राजद में शामिल कराए जाने की कोशिश से नाराज थे।
इस इस्तीफे के बाद लालू की भी एक चिट्ठी वायरल हो रही है। इसमें लालू ने रघुवंश से पार्टी में वापस लौटने और उसे मजबूत करने की अपील की है। कहा जा रहा है कि लालू ने ये चिट्ठी रिम्स से लिखी है।
लालू की लिखी यह चिट्ठी भी वायरल हो रही है।
रघुवंश ने यह लिखा इस्तीफा पत्र में
रघुवंश प्रसाद (74) अभी दिल्ली एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं। वे अपने फेफड़े की बीमारी का इलाज करा रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के बेड से ही राजद प्रमुख लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, ‘‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 साल तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें।’’
रघुवंश ने हाथ से लिखा हुआ इस्तीफा लालू को भेजा है।
रामा सिंह को राजद में शामिल कराने की कोशिश से नाराज थे रघुवंश
तेजस्वी अपने विधानसभा सीट राघोपुर से जीत पक्की करने के लिए वैशाली के बाहुबली नेता रामा सिंह को राजद में शामिल कराना चाहते थे। रामा सिंह मीडिया के सामने इसकी पुष्टि कर चुके थे। इसके बाद रघुवंश प्रसाद ने 23 जून को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन लालू ने इसे मंजूर नहीं किया था।
लालू ने रघुवंश को मनाने के लिए तेजस्वी को दिल्ली भेजा था, लेकिन वे नहीं माने। रघुवंश और रामा वैशाली जिले से आते हैं। दोनों के बीच राजनीतिक टकराव रहा है। लोकसभा चुनाव में रघुवंश को रामा सिंह के हाथों हार का सामना भी करना पड़ा था।
फंस सकती है तेजस्वी की सीट
रघुवंश राजद के बड़े नेता माने जाते हैं। उनके पार्टी छोड़ने का असर विधानसभा चुनाव में दिख सकता है। रघुवंश का असर तेजस्वी यादव के विधानसभा सीट राघोपुर में भी है। उनके पार्टी छोड़ने से तेजस्वी की सीट फंस सकती है। दूसरी ओर रामा सिंह के लिए अब राजद में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। रामा सिंह विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
रघुवंश प्रसाद 1977 में पहली बार विधायक बने थे, 5 बार सांसद चुने गए 1973-1977: संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े 1977: संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट से बेलसंड विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने 1977-1979: बिहार सरकार में बिजली राज्य मंत्री बने 1980-1985: लोक दल के सीतामढ़ी के प्रेसिडेंट बने 1985-1989: लोक दल के पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य बने 1990-1994: एमएलसी और बिहार विधान परिषद के डिप्टी स्पीकर बने 1995-1996: बिहार सरकार में ऊर्जा और आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बने 1996: वैशाली सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता, केंद्रीय पशुपालन राज्यमंत्री बने 1997-1998: खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के केंद्रीय मंत्री बने 1998: वैशाली सीट से सांसद चुने गए 1999: वैशाली सीट से सांसद चुने गए 1999-2000: लोकसभा में राजद के नेता रहे 1999-2004: सांसद रहे 2004: चौथी बार वैशाली से लोकसभा का चुनाव जीते, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने 2009: पांचवी बार लोकसभा का चुनाव जीते
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