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  • Parliament Session 2020 | Coronavirus Guidelines And Seating Agreement Update For Monsoon Session Of Parliament; All You Need To Know

17 मिनट पहलेलेखक: रवींद्र भजनी

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  • संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा और एक अक्टूबर तक चलेगा
  • आजाद भारत के इतिहास में पहली बार गैलरी, चैम्बर में बैठकर सांसद लगाएंगे प्रेजेंट
  • 18 दिन तक रोज 4-4 घंटे अलग-अलग वक्त होंगी लोकसभा व राज्यसभा की बैठकें

संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने वाला है। जब से सरकार ने बताया कि प्रश्नकाल नहीं होगा और शून्यकाल की अवधि एक घंटे से घटाकर आधा घंटा कर दी है, तब से इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना हो रही है। लेकिन, मानसून सत्र में सिर्फ इतना ही नहीं बदलने वाला। कोरोना महामारी को देखते हुए ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जो 1952 से अब तक के संसदीय इतिहास में पहली बार देखने को मिलेंगे।

जरूरत क्या थी संसद का सत्र बुलाने की?

भारतीय संसदीय परंपरा कहती है कि एक सत्र खत्म होने के छह महीने बाद अगला सत्र बुला लिया जाए। इस बार कोविड-19 के कारण बजट सत्र भी जल्दबाजी में समेट लिया गया था। 23 मार्च के बाद से संसदीय कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसे में विधायी काम अटके पड़े हैं। इसी वजह से संसद सत्र बुलाना आवश्यक हो गया था। कोविड-19 को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यह एक तरह से पूरे देश को संदेश भी है कि ‘न्यू नॉर्मल’ में जीना सीख लें क्योंकि कोरोना जल्दी खत्म होने वाला नहीं है।

सांसदों के लिए क्या गाइडलाइन रहेगी?

  • सांसदों को तभी संसद परिसर में एंट्री मिलेगी जब 72 घंटे पहले की जांच में उनकी और उनके स्टाफ की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होगी। साथ ही उनके परिजनों, ड्राइवर और घरेलू नौकर की भी टेस्ट रिपोर्ट का निगेटिव होना आवश्यक होगा। सांसदों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट और राज्यमंत्री के साथ-साथ विपक्ष के दिग्गज नेता भी शामिल हैं।
  • यदि सांसद पॉजिटिव आया तो उसे अस्पताल भेजा जाएगा। इसके लिए लागू निर्देशों का पालन किया जाएगा। लेकिन, यदि सांसद निगेटिव है और स्टाफ पॉजिटिव तो सांसद को 14 दिन के सेल्फ क्वारैंटाइन पीरियड पर रहना होगा।
  • सांसदों को यह छूट होगी कि वे यह टेस्ट अपने संसदीय क्षेत्र में या संसद परिसर में करा सकते हैं। संसद में 11 सितंबर के बाद रिसेप्शन पर ही टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू होगी। स्टाफ के लिए विशेष टेस्टिंग कैम्प आयोजित किया जा रहा है।
  • यदि कोई सांसद कोरोनावायरस निगेटिव निकला लेकिन उसमें लक्षण दिख रहे हैं तो उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा। जब तक नतीजे नहीं आते, तब तक उसे होम आइसोलेशन रहने की सलाह दी जाएगी।

सांसदों को मिलने वाली छुट्टियों का क्या?

  • संसद के मानसून सत्र में 18 बैठकें होंगी। एक अक्टूबर तक चलने वाले इस सेशन में दो शनिवार और दो रविवार पड़ रहे हैं। इन चारों दिन छुट्टियों के बावजूद काम होगा।
  • इतना ही नहीं, प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस भी नहीं होगा। लोकसभा स्पीकर के स्पष्ट निर्देश हैं कि वक्त कम है और काम ज्यादा, इसलिए इन मुद्दों को फिलहाल टालना ही ठीक है।
  • लोकसभा में हर शुक्रवार को आखिरी के ढाई घंटे प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस होता था। इसमें सांसद प्राइवेट मेंबर बिल, प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन पेश कर सकते थे।

सिटिंग अरेंजमेंट क्या होगा?

  • लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें आम तौर पर साथ होती हैं। इस बार उनके लिए अलग-अलग समय तय किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए पहली बार एक सदन की बैठक में दोनों सदनों के चैम्बर और गैलरी का इस्तेमाल होगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री और कुछ मंत्री राज्यसभा चैम्बर में बैठेंगे। इसके अलावा सदन के नेता, सदन में विपक्ष के नेता और अन्य पार्टियों के नेताओं को राज्यसभा के चैम्बर में ही बिठाया जाएगा।
  • दोनों सदनों की टाइमिंग भी अलग-अलग होगी। पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक चलेगी। 15 सितंबर से एक अक्टूबर तक लोकसभा की बैठक दोपहर तीन बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी।
  • इसी तरह 14 सितंबर को राज्यसभा की बैठक दोपहर तीन बजे से सात बजे तक होगी। 15 सितंबर से इसकी टाइमिंग सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगी। एक से तीन बजे तक के ब्रेक का इस्तेमाल दोनों चैम्बरों को डिसइंफेक्ट करने में किया जाएगा।
  • सांसद अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे स्पीकर या सभापति को संबोधित कर सकेंगे। उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही करने वाले पत्रकारों के भी आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होंगे। सांसदों का पर्सनल स्टाफ अलग जगह बैठेगा।

टेक्नोलॉजी की मदद किस तरह ली जा रही है?

  • चार बड़े डिस्प्ले स्क्रीन हाउस के चैम्बर में लगेंगे। 6 छोटी स्क्रीन चार गैलरियों मे लगेंगे। ताकि सदस्य अलग-अलग बैठकर भी कार्यवाही में भाग ले सकें।
  • ऑडियो कंसोल, अल्ट्रावायलेट जर्मीसाइडल इरेडिएशन, ऑडियो-वीडियो सिग्नल्स के लिए दोनों सदनों को जोड़ने वाले स्पेशल केबल्स, अधिकारियों की गैलरी को अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट का इस्तेमाल होगा।
  • राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का मौजूदा सिस्टम दोनों सदनों की कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट करने का है। इसके जरिये वे दोनों सदनों की कार्यवाही को एक-दूसरे सदन में लगी स्क्रीन पर भी प्रसारित कर सकेंगे।

प्रश्नकाल और शून्यकाल का क्या होगा?

  • दोनों सदनों के सचिवालयों ने साफ-साफ कहा है कि मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा और शून्यकाल भी सीमित किया गया है।
  • प्रश्नकाल में दोनों सदनों में सांसद सरकार और मंत्रियों से सवाल करते हैं। सरकार को इन सवालों पर जवाब देने होते हैं। प्रश्नकाल सभी मंत्रालयों में जवाबदेही लाता है। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार गंभीर सवालों से बचना चाहती है।
  • इसी तरह शून्यकाल भारतीय संसदीय व्यवस्था का इनोवेशन है। इसमें बिना किसी पूर्व निर्धारित सूचना के कोई भी सांसद अपने संसदीय क्षेत्र या राष्ट्रीय महत्व का कोई भी मुद्दा उठा सकता है।

हर सांसद को डीआरडीओ की किट

  • डीआरडीओ सभी सांसदों को मल्टी-यूटिलिटी कोविड-19 किट उपलब्ध करा रही है। हर किट में 40 डिस्पोजेबल मास्क, 5 एन-95 मास्क, सैनिटाइजर की 50 मिली की 20 बोतलें, फेस शील्ड्स, 40 जोड़ी ग्लव्ज, दरवाजों को खोलने-बंद करने के लिए टच-फ्री हूक, हर्बल सेनिटेशन वाइप्स और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हर्बल टी-बैग्स होंगे।

सांसद के जूतों और कार का भी ख्याल

  • सचिवालयों ने अपने-अपने सांसदों के जूतों और उनकी कारों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी की है। सांसदों के जूते और कारों की मैट्स को हाइपोक्लोराइड जेल में डुबोकर सैनिटाइज किया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय सांसदों को जागरुकता की शॉर्ट वीडियो क्लिप्स भेजेगा, मास्क पहनने का लाभ बताएगा।

एक दिशा में चलेंगे सभी सांसद

  • दोनों सदनों में एक समय 780 से ज्यादा सदस्य मौजूद रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दोनों सदनों के चैम्बर में सभी सांसदों का मूवमेंट एक ही दिशा में हो। इससे उनका फेस-टू-फेस इंटरेक्शन नहीं होगा।

यह भी होगा संसद परिसर में इंतजाम

  • 4000 टेस्ट के इंतजाम; सांसदों के साथ-साथ निजी स्टाफ, पत्रकारों की भी जांच।
  • 40 टचलेस सैनिटाइजर। इमरजेंसी मेडिकल टीम, एंबुलेंस तैनात रहेंगी।
  • जरूरी कागजों और दस्तावेजों को रखने के लिए अल्ट्रावायलेट बॉक्स।
  • एयरबोर्न इंफेक्शन से बचाने एयर कंडीशनर्स की हवा दिन में छह बार बदलेगी।
  • टच-लेस सिक्योरिटी स्कैनिंग से तलाशी होगी। थर्मल स्कैनिंग भी टच-फ्री होगा।
  • दोनों सदनों के मार्शल्स और अन्य स्टाफ को भी मास्क व फेस शील्ड पहननी होगी।

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