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- Newborn Admitted In Delhi Hospital Gets Mother’s Milk From 1,000 Km Away
नई दिल्ली3 घंटे पहले
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मैक्स अस्पताल के डॉ. हर्षवर्धन बताते हैं कि 16 जून को लेह के एक अस्पताल में बच्चे का जन्म ऑपरेशन से हुआ था। (फोटो-प्रतीकात्मक)
- एक महीने से जारी है यह सिलसिला, बच्चे के स्वास्थ्य में आ रहा तेजी से सुधार
- मां-बाप के इस प्रयास से डॉक्टर भी हुए हैरान, एक हफ्ते में डिस्चार्ज हो जाएगा बच्चा
बच्चे के लिए मां-बाप किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेह के जिकमेट वांगडू और उनकी पत्नी इसका शानदार उदाहरण हैं। जिकमेट का नवजात बच्चा दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती है। लेकिन, पत्नी ऑपरेशन होने के चलते लेह में ही फंसी हुई हैं। बच्चे को मां के दूध की जरूरत थी, इसलिए उसकी मां लेह से से एक हजार किलोमीटर दूर दिल्ली तक हर दिन फ्लाइट से अपना दूध भेजती हैं। पिछले एक महीने से यह सिलसिला जारी है। डॉक्टर्स को इसकी जानकारी मिली तो वो भी हैरान हो गए।
मैक्स हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर हर्षवर्धन।
जन्म के बाद पता चला सांस और खाने की नली जुड़ी हुई है
मैक्स अस्पताल के डॉ. हर्षवर्धन बताते हैं कि 16 जून को लेह के एक अस्पताल में बच्चे का जन्म ऑपरेशन से हुआ था। इसके बाद मालूम चला कि बच्चे की सांस और खाने की नली एक में जुड़ी हुई है। वहां डॉक्टर्स ने बच्चे को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया। मां ऑपरेशन के चलते दिल्ली नहीं पहुंच सकती थीं, इसलिए वह वहीं रूक गईं। बच्चे को यहां मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 19 जून को उसकी सर्जरी हुई। डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, जल्द ही बच्चे को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है।
नवजात बच्चे के पिता जिकमेट वांगडू।
पिता ने आइडिया लगाया और हर रोज मां का दूध मंगाया
जिकमेट वांगडू अभी बच्चे के साथ दिल्ली में ही मौजूद हैं। वांगडू कहते हैं, ”डॉक्टरों ने कहा कि नवजात बच्चे को मां का दूध देना बहुत जरूरी है। क्योंकि मां का दूध बच्चों के लिए अधिक फायदेमंद होता है और कई तरह संक्रमण से बचाता है। चूंकि, मां दिल्ली में नहीं थीं इसलिए दूध देना संभव नहीं था। फिर मेरे दिमाग में लेह से रोज दूध मंगाने का आइडिया आया। मेरे कुछ दोस्त लेह एयरपोर्ट पर काम करते हैं। उनसे मैंने मदद मांगी और वह तैयार हो गए। घर के कुछ सदस्य लेह एयरपोर्ट तक बॉटल में दूध लाते हैं और मेरे दोस्त किसी यात्री की मदद से हर रोज दिल्ली एयरपोर्ट तक उसे पहुंचा देते हैं।”
मां शाम 6 बजे से ही दूध निकालना शुरू कर देती हैं
वांगडू बताते हैं कि उनकी पत्नी शाम छह बजे से दूध निकालना शुरू कर देती हैं। सुबह तक तीन से चार बार दूध एकत्रित कर लेती हैं। जिसे सुबह की फ्लाइट से दिल्ली एक घंटे में पहुंचा दिया जाता है। एयरपोर्ट से मैं या फिर बच्चे के मामा रिसीव कर लेते हैं और यहां अस्पताल में आकर उसे बच्चे को पिलाया जाता है।
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