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तेल अवीव/रियाद3 मिनट पहले

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फोटो 1 सितंबर की है। इजराइल और अमेरिकी अधिकारियों का दल यूएई गया था। बहुत अच्छे माहौल में तीनों देशों की बातचीत हुई। इजराइली-अमेरिकी डेलिगेशन को छोड़ने के लिए यूएई के अफसर अबु धाबी एयरपोर्ट पहुंचे। यहां इजराइल के एनएसए मेरी बेन शाबात और यूएई ने इस तरह एक दूसरे का अभिवादन किया।

  • सऊदी अरब का इजराइली विमानों को एयरस्पेस देना खाड़ी देशों के लिहाज से अहम खबर है
  • इजराइली नागरिक अब भारत और मलेशिया जल्द और कम पैसा देकर पहुंच सकेंगे

इजराइल और यूएई के बीच नई दोस्ती पर अब सऊदी अरब ने भी मुहर लगा दी है। उसने इजराइल और यूएई के बीच उड़ानों को अपना एयर स्पेस इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि इसके लिए अमेरिका ने सऊदी सरकार से बातचीत की थी। सऊदी के इस कदम का इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वागत किया। कहा- अमन बहाली के यही फायदे होते हैं।

एक अहम बयान अमेरिका की तरफ से भी आया। और यह बड़ा कूटनीतिक संकेत माना जाना चाहिए। डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद और विशेष सलाहकार जैरेड कुशनर ने कहा- सभी 22 अरब देशों की इजराइल से दोस्ती संभव है।

सऊदी अरब के इस कदम से क्या होगा
सऊदी अरब का इजराइल और यूएई के फ्लाइट्स को अपने यहां से गुजरने देना खास मायने रखता है। इजराइल और यूएई के बीच हाल ही में ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ है। सऊदी सरकार ने न तो इसका विरोध किया था और न समर्थन। लेकिन, इजराइल-यूएई को अपना एयर स्पेस इस्तेमाल करने की मंजूरी देना कूटनीतिक लिहाज से बहुत बड़ा कदम है। इसका मतलब यह हुआ कि अरब वर्ल्ड के दो सबसे ताकतवर और अमीर देश अब अमेरिका और इजराइल के साथ आ गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इजराइली नागरिक अपने मित्र देश भारत कम खर्च और कम वक्त में पहुंच सकेंगे। यही मलेशिया के मामले में भी है। यूएई इजराइली नागरिकों के लिए ट्रैवल हब के तौर पर पहचान सकेगा।

अमेरिका को अरब-इजराइल दोस्ती की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद और स्पेशल एडवाइजर जैरेड कुशनर ने इजराइल-यूएई शांति समझौते में सबसे अहम भूमिका निभाई। अब उनका नया बयान सामने आया है। यूएई से लौटते वक्त विमान में मीडिया से बातचीत करते हुए कुशनर ने कहा- संभव है कि आने वाले वक्त में हम अरब देशों और इजराइल के बीच बिल्कुल सामान्य संबंध देखें। कुशनर के बयान का मतलब यह है कि इजराइल और खाड़ी देशों के बीच जल्द शांति समझौता हो सकता है। कुशनर ने ये भी कहा- बहुत कम लोग (देश) ऐसे हैं जो इजराइल से दोस्ती का विरोध करेंगे। अरब वर्ल्ड में 22 देश आते हैं।

जल्द दिखेंगे नतीजे
कुशनर के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में आप देखेंगे कि कुछ और अरब देश इजराइल से कूटनीतिक संबंध जोड़ेंगे। बातचीत से मसले सुलझेंगे। लोग मिलेंगे। ट्रेड एक्सचेंज भी होगा। इससे मिडिल ईस्ट (पश्चिम एशिया) को ही फायदा होगा।

कुशनर के इशारे को यूं समझिए
पिछले दिनों जब इजराइल और यूएई के बीच शांति समझौता हुआ तो किसी अरब देश ने इसका विरोध नहीं किया। सऊदी अरब ने भी नहीं। विरोध की आवाजें आईं तो पाकिस्तान, तुर्की और ईरान से। पाकिस्तान को छोड़कर बाकी दो देशों से खाड़ी देशों के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। अरब देशों को जल्द ही इजराइल की सैन्य ताकत का साथ मिल जाएगा। अमेरिका पहले ही उनके साथ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक- ओमान, बहरीन, मोरक्को और सऊदी अरब ऐसे देश हैं जो जल्द यूएई के रास्ते पर चलेंगे। यानी इजराइल से दोस्ती कर लेंगे।

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