तेहरान3 दिन पहले
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यह फोटो ईरान के चाबहार पोर्ट की है। भारत और ईरान के बीच इस बंदरगाह को तैयार करने के लिए 2018 में समझौता हुआ था।-फाइल फोटो
- ईरान ने कहा- भारत के साथ चाबहार पोर्ट तैयार करने के लिए सिर्फ दो समझौते हुए हैं, इनमें रेल प्रोजेक्ट शामिल नहीं है
- ईरान और भारत ने 2018 में चाबहार बंदरगाह तैयार करने का समझौता किया था, यह बंदरगाह सीधा ओमान की खाड़ी से जुड़ता है
ईरान ने चाबहार- जेहदान रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने की खबरों को गलत बताया। ईरान के पोर्ट और मैरिटाइम ऑर्गनाइजेशन के मंत्री फरहाद मोंटेसर ने कहा- भारत कभी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं रहा। ईरान ने भारत के साथ सिर्फ दो समझौते किए हैं। इनमें से एक इस बंदरगाह की मशीनों से जुड़ा है। वहीं, दूसरा समझौता 150 मिलियन डॉलर( करीब 1126 करोड़ रुपए) के निवेश को लेकर हुआ है।
दरअसल, ईरान अफगानिस्तान से लगी सीमा पर एक अहम रेल प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ईरान ने इस प्रोजेक्ट से भारत को बाहर कर दिया है। फरहाद ने कहा- यह खबरें पूरी तरह से गलत है।
रेलवे प्रोजेक्ट पर सहमति नहीं बनी थी: ईरान
ईरान ने कहा कि भारत के साथ चाबहार के रेलवे प्रोजेक्ट में ढांचागत सुविधाओं के लिए निवेश करने पर चर्चा हुई थी। हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन पाई। ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत की मदद से तैयार किया जा रहा है। इसे भारत, अफगानिस्तान और ईरान के मध्य एशियाई देशों से व्यापार के लिए अहम बताया जा रहा है। भारत के पश्चिमी तट से चाबहार बंदरगाह तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।
भारत-ईरान ने 2018 में समझौता किया था
ईरान और भारत ने 2018 में चाबहार बंदरगाह तैयार करने का समझौता किया था। यह बंदरगाह सीधा ओमान की खाड़ी से जुड़ता है। यह पोर्ट भारत और अफगानिस्तान को व्यापार के लिए वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराता है। अमेरिका ने भारत को इस बंदरगाह के लिए हुए समझौतों को लेकर कुछ खास प्रतिबंधों में छूट दी है। इसे ग्वादर (पाक) की तुलना में भारत के रणनीतिक पोर्ट के तौर पर देखा जा रहा है। ग्वादर को बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के तहत चीन विकसित कर रहा है।
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