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  • Coronavirus News Update| New Normal Under Covid 19 Pandemic| 40 New Special Trains To Run From September 12 | Booking For New 40 Special Trains To Begin On September 10 | All You Need To Know About The Rail Travel In India Under New Normal Coronavirus Pandemic

12 मिनट पहले

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  • रेलवे के जिन रुट्स पर ट्रैफिक ज्यादा, वहां क्लोन ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव
  • डिस्पोजेबल चादर, ब्लैंकेट और तकिये आगे भी मिलते रहेंगे एसी कोच में

भारतीय रेलवे ने 12 सितंबर 80 नई ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। इसके लिए टिकट बुकिंग 10 सितंबर से शुरू हो जाएगी। फिलहाल 230 ट्रेनें नियमित चल रही हैं, उसमें नई ट्रेनों को शामिल कर दिया जाए तो जल्द ही कुल 310 ट्रेनें पटरी पर लौट आएंगी।

यह तय है कि रेलवे बहुत जल्दी कोविड-19 से पहले की स्थिति में लौटने वाली नहीं है। ऐसे में अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ समय रेलवे की डिमांड बढ़ी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वीके यादव ने कहा कि औसत ऑक्युपेंसी बढ़कर 80-85% हो गई है। इसी वजह से जिस ट्रेन पर 10-12 दिन का वेटिंग पीरियड है, उस रूट पर ‘क्लोन’ ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है, ताकि वेटिंग लिस्ट को क्लीयर किया जा सके।

अब तक कितनी ट्रेनें चलाई है रेलवे ने?

  • भारतीय रेलवे ने 12 मई को लिमिटेड पैसेंजर सर्विस शुरू की थी। दिल्ली से चलने वाली 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई थी। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से 1 जून से रेलवे ने 100 जोड़ी ट्रेनें और चलाई। इसमें 17 जन शताब्दी, 5 दूरंतो और कई पारंपरिक तौर पर लोकप्रिय मेल या एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल थी।
  • महाराष्ट्र और गुजरात से साप्ताहिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। मई-जून में ट्रेनों में 70 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी, जो अगस्त में बढ़कर 85 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। फेस्टिव सीजन को देखते हुए मांग तेज हो रही थी, इसी वजह से 40 जोड़ी नई ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।

नई ट्रेनें किन रुट्स पर चलेंगी?

  • 12 सितंबर से जो 40 जोड़ी नई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें वंदे भारत एक्सप्रेस, एक शताब्दी भी शामिल है। इन गाड़ियों के लिए टिकटों की बुकिंग 10 सितंबर से शुरू होगी।
  • इसमें दिल्ली से वाराणसी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाएगी। इसी तरह महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, ओडिशा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, झारखंड, कर्नाटक, दिल्ली, आंध्र, हरियाणा, राजस्थान, असम और पश्चिम बंगाल के मुख्य रुट्स पर नई ट्रेनें चलाई जाएंगी।

चादरें, तकिये बंद करने का विकल्प क्या है?

  • मई में जब स्पेशल ट्रेनें शुरू की थी, तब से ही रेलवे ने तकिये, ब्लैंकेट, चादरें और हैंड टॉवेल यात्रियों को देना बंद कर दिया है। इसके बजाय यात्रियों को डिस्पोजेबल ब्लैंकेट, तकिये और चादरें सस्ती दरों पर खरीदने का मौका दिया है। इसके लिए 50 वेंडरों ने देशभर के स्टेशनों पर दुकानें लगा रखी है।
  • इस समय रेलवे के पास 18 लाख चादरों के सेट्स हैं। हर सेट को धोने के लिए 40-50 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। चादरें हर बार इस्तेमाल के बाद धुलती हैं, जबकि ब्लैंकेट महीने में एक बार धुलता है। वह भी कम से कम 48 महीने इस्तेमाल होता है।

लंबी दूरी की ट्रेन में खाने का क्या होगा?

  • रेलवे ने लंबी दूरी की गाड़ियों में भी फिलहाल पैंट्री कार में ऑपरेशंस को सीमित कर दिया है। पैक्ड और रेडी-टू-ईट फूड आइटम्स परोसे जा रहे हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। कुछ रेलवे डिविजनों ने तो लंबी अवधि के लिए पैकेज्ड फूड मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स से बातचीत भी शुरू कर दी है।

क्या खास होगा स्पेशल पोस्ट-कोविड कोच में?

  • यात्रियों की सेफ्टी के लिए जल्द ही स्पेशल पोस्ट-कोविड कोच भी ट्रैक्स पर आ जाएंगे। इसमें हैंड्स-फ्री सुविधाएं और प्लाज्मा एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगा होगा। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने तो क्यूआर कोड-बेस्ड कॉन्टेक्टलेस टिकट चेकिंग सिस्टम लागू भी कर दिया है।
  • ह्यूमन-टू-ह्यूमन कॉन्टेक्ट कम से कम करने का प्रयास हो रहा है। हैंड्स-फ्री सुविधाएं दी जा रही हैं, जैसे पैरों से चलने वाला पानी का नल, सोप डिस्पेंसर, फ्लश वॉल्व और टॉयलेट डोर। तांबे के एंटी-माइक्रोबियल गुणों को देखते हुए रेलवे ने कॉपर-कोटेड हैंडल और लैच लगाने का फैसला किया है। रेलवे ने कहा कि जब वायरस तांबे पर आता है तो वायरस के डीएनए और आरएनए को खत्म कर देता है।

क्या टाइमटेबल में भी बदलाव होगा?

  • कोविड-19 को देखते हुए रेलवे को पूरे सिस्टम में ओवर हॉल का मौका मिल गया है। 500 नियमित ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। 10 हजार स्टॉपेज भी बेकार हो गए हैं। न्यू नॉर्मल में जरूरत के मुताबिक ही यात्रा शुरू होगी। रेलवे मंत्रालय के प्रोजेक्शन बताते हैं कि जिन ट्रेनों में एक साल तक 50 प्रतिशत से कम ऑक्युपेंसी होंगी, उसे नेटवर्क में जगह नहीं होगी।
  • यदि जरूरत पड़ी तो लोकप्रिय ट्रेनों के साथ कुछ ट्रेनों को मर्ज कर दिया जाएगा। इसी तरह, लंबी दूरी की ट्रेनों के भी एक-दूसरे से 200 किमी में कोई स्टॉप नहीं होंगे। बशर्ते रास्ते में कोई बड़ा शहर न पड़ता हो। नया टाइमटेबल एक्सक्लूसिव कॉरिडोर पर हाई स्पीड के साथ 15 प्रतिशत अतिरिक्त फ्रेट ट्रेनों को रास्ता देगा। पूरे नेटवर्क में पैसेंजर ट्रेनों की औसत स्पीड को 10 प्रतिशत बढ़ाने की योजना है।

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