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नई दिल्ली37 मिनट पहले
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लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल जारी तनाव के बीच लद्दाख तक सेना के मूवमेंट को आसान बनाने के लिए पहाड़ों को काटकर सड़कें बनाईं जा रहीं हैं।
- बीआरओ ने हाल ही में पदम-युलचुंग-सुम्दो होते हुए लद्दाख जाने वाली सड़क को नेशनल हाइवे-1 पर खाल्सी से लिंक किया
- बीआरओ ने लेटेस्ट मशीनों से काम कराना शुरू किया, ऐसी मशीनें आपकों देश के किसी भी पार्ट में इस्तेमाल होते नहीं दिखेंगी
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने लेह जाने वाले रास्तों को सेना के लिए चाक-चौबंद करने का काम तेज कर दिया है। इन रास्तों से भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सुरक्षा बलों की हैवी मशीनरी और हथियारों को जरूरी लोकेशन पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। लैंड स्लाइड या किसी अन्य वजहों से बाधित लेह को जोड़ने वाले हर रास्ते को दुरुस्त करने के लिए बीआरओ 24 घंटे और सातों दिन काम कर रहा है।
युद्धस्तर पर चल रहा काम
बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि सड़कों को काटने और असरदार ब्लास्टिंग के लिए करोड़ों की लागत की मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही नहीं बीआरओ वर्कर और मजदूरों को डबल शिफ्ट के साथ वीकेंड पर काम करने के लिए कहा गया है। चीन के साथ जारी तनाव को देखते हुए काम को युद्धस्तर पर पूरा करने की कोशिश की जा रही है। सर्दियों से पहले सड़कों का साफ करने के लिए हैवी मशीनरी को डिप्लॉय किया गया है।
काम करने की रफ्तार 10 गुना तक बढ़ी
बीआरओ की 81 रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिसर बी किशन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ताजा हालातों में सेना और अन्य बलों को हैवी मशीनरी के आसान ट्रांसपोर्ट के लिए बीआरओ ने लेटेस्ट मशीनों से काम कराना शुरू कर दिया है। ऐसी मशीनें पूरे देश में कहीं नहीं मिलेंगी। इन मशीनों ने ह्यूमन रिस्क को तो कम किया ही है। साथ ही हम पहाड़ों को काटकर रोड बनाने के लिए विस्फोटकों से भी डील कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इन मशीनों से हमारे काम करने की रफ्तार 10 गुना तक बढ़ी है। हम इनकी मदद से आसानी से सड़कों का निर्माण कर रहे हैं। ताजा हालातों में इन मशीनों के जरिए हमें पहाड़ों में विस्फोटकों को फिक्स करने में भी मदद मिल रही है।
सेना की जरुरतों के मुताबिक लिंक कर रहे सड़क
बीआरओ सेना की जरुरतों के मुताबिक भी सड़कों को जोड़ने का काम कर रहा है। चीन सीमा के हालातों को देखते हुए बीआरओ ने हाल ही में पदम-युलचुंग-सुम्दो होते हुए लद्दाख जाने वाली सड़क को नेशनल हाइवे-1 पर खाल्सी से जोड़ा है। इससे सेना ऑपरेशनल पर्पज के लिए तत्काल इस तीसरे मार्ग का इस्तेमाल कर सकती है।
लद्दाख को जोड़ने वाली तीसरी लिंक रोड पर भी चल रहा काम
भारत लद्दाख के लिए एक नई रणनीतिक लिंक रोड बनाने पर तेजी से काम रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह सड़क हिमाचल प्रदेश के दार्चा को लद्दाख से जोड़ेगी। इसके जरिए ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फीले दर्रों को पार करने में मदद मिलेगी। करीब 290 किमी. लंबी सड़क सेना के जवानों और हथियारों की लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों तक आवाजाही में अहम साबित होगी। यह करगिल क्षेत्र को जोड़ने में भी अहम कड़ी साबित होगी। यह मनाली-लेह रोड और श्रीनगर-लेह हाईवे के बाद लद्दाख को जोड़ने वाली तीसरी लिंक रोड होगी।
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