Strange IndiaStrange India


  • N95 खासकर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी है, आम लोग मेडिकल मास्क का कर सकते हैं उपयोग
  • याद रखें मास्क को ठीक तरह से पहनना जरूरी है, पहनने के बाद बार-बार न ही छुएं और न हटाएं

दैनिक भास्कर

Jul 04, 2020, 03:10 PM IST

तारा पार्कर पोप/रशेल एब्राम्स/ईडन वीन्गार्ट/टोनी सेनिकोला. कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में मास्क सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आया है। सीडीसी, WHO जैसी कई स्वास्थ्य संस्थाएं लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रही हैं। भारत में भी सरकार ने मास्क पहनाना अनिवार्य किया हुआ, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग लापरवाही बरत रहे हैं। 

लेकिन, मास्क की मदद से आप किसी को सांस से निकली बूंदों के जरिए संक्रमित करने और खुद संक्रमित होने से बच सकते हैं। खांसते, छींकते या बात करते वक्त मास्क वायरस युक्त बूंदों को ट्रैप कर लेता है, जिससे वायरस के दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने की संभावना कम हो जाती है। बाजार में चार तरह के मास्क उपलब्ध हैं। इनकी अलग-अलग खूबी हैं। इसलिए सही मास्क चुनें, सुरक्षित रहें।

ये हैं मास्क के अलग-अलग प्रकार और जानिए इनमें से आपके लिए कौन बेहतर है- 

  • महामारी के दौर में N95 मास्क सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। यह मास्क छोटे पार्टिकल्स (0.3 माइक्रॉन्स) को करीब 95 प्रतिशत तक रोक लेता है। आमतौर पर इतने छोटे कणों को रोकना बेहद मुश्किल होता है। इंसान के औसत बाल का आकार 70 से 100 माइक्रॉन्स चौड़ा होता है।
  • यह मास्क सिंगल यूज होते हैं और पॉलिएस्टर और दूसरे सिंथेटिक फाइबर्स से बने होते हैं। इसमें फाइबर की एक लेयर होती है जो फिल्टर का काम करती है। यह कणों को रोकते हैं।
  • इस मास्क में यह पक्का कर लें कि आपकी स्किन और मास्क में कोई गैप नहीं होना चाहिए। इसमें एक नोजपीस होता है जो चेहरे के आकार के हिसाब से ढल सकता है। कई हेल्थ केयर वर्कर्स सालाना फिटिंग टेस्ट कराते हैं, जिसमें एयर लीकेज की जांच होती है और मास्क का साइज फिट हो जाए। अगर आपके चेहरे पर दाढ़ी है तो यह ठीक से फिट नहीं होगा। यह मास्क बच्चों के चेहरे पर भी फिट नहीं होते।
  • कुछ N95 मास्क में सामने एक्जेलेशन वॉल्व होते हैं, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। यह मास्क आमतौर पर कंस्ट्रक्शन में उपयोग होते हैं। वॉल्व वाले मास्क हॉस्पिटल के ऑपरेशन रूम जैसी जगहों में उपयोग नहीं करने चाहिए। ऐसे में यह आपके सांस लेने पर दूसरों की सुरक्षा नहीं करता है। 

मेडिकल मास्क

बाजार में 4 तरह के मास्क बिक रहे, जानिए इनकी खूबियां और आपके लिए कौन सा मास्क बेहतर रहेगा 1
  • इस तरह के मास्क कई प्रकार के होते हैं और N95 से कम प्रभावी होते हैं। इनमें से कुछ मास्क लैब कंडीशन के अंदर 60 से 80 प्रतिशत छोटे कणों को रोक लेते हैं। अगर आपने मेडिकल मास्क को ठीक तरह से पहना है तो यह कोरोनावायरस को रोकने में मददगार हो सकते हैं। 
  • आमतौर पर मेडिकल मास्क सांस लेने लायक और पेपर जैसे सिंथेटिक फाइबर से बने होते हैं। यह रेंक्टेंगल शेप में होते हैं और प्लेट्स बनी होती हैं। इसके आकार के कारण यह चेहरे पर आराम से फैलकर फिट हो जाता है। यह मास्क डिस्पोजेबल होते हैं और एक बार के उपयोग के लिए बने होते हैं।  
  • यह मास्क आपको बड़ी बूंदों से बचाते हैं, लेकिन चेहरे पर ढीले होने के कारण यह N95 के मुकाबले कम असरदार होते हैं। 

होम मेड मास्क

बाजार में 4 तरह के मास्क बिक रहे, जानिए इनकी खूबियां और आपके लिए कौन सा मास्क बेहतर रहेगा 2
  • मेडिकल मास्क की कम सप्लाई के कारण कई लोगों ने घर में बने मास्क का उपयोग किया। अगर अच्छे फैब्रिक और बेहतर ढंग से इसका निर्माण किया गया है तो यह मेडिकल मास्क जैसी सुरक्षा देता है। 
  • एक अच्छा होम मेड मास्क ऐसे मैटेरियल से तैयार किया जाता है जो वायरस पार्टिकल को रोकने में सक्षम होता है। यह कॉटन फैब्रिक से बने होते हैं।
  • ऐसे मास्क का निर्माण हैवी कॉटन टी-शर्ट से भी किया जा सकता है। ऐसा मैटेरियल जिसमें धागों की मात्रा ज्यादा होती है। यह मास्क बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। इंटरनेट पर कॉटन मास्क बनाने के कई तरीके मौजूद हैं। ऐसे मास्क की तलाश करें, जिसमें कम से कम दो लेयर हों और जो आपकी नाक और ठुड्डी को कवर करे।

होम मेड फिल्टर मास्क

बाजार में 4 तरह के मास्क बिक रहे, जानिए इनकी खूबियां और आपके लिए कौन सा मास्क बेहतर रहेगा 3
  • यह एक अन्य तरह के कॉटन मास्क होते हैं जो 100 फीसदी कॉटन टी-शर्ट से बने होते हैं। इन मास्क में पीछे एक जेब होती है जो फिल्टर का काम करती है।
  • हमने इसमें एक कॉफी फिल्टर का इस्तेमाल किया है। पेपर टॉवेल भी टेस्ट किए जा चुके हैं। एक प्रयोग बताता है कि पेपर टॉवेल की दो लेयर 0.3 माइक्रॉन के 23 से 33 प्रतिशत तक ब्लॉक करती हैं। 
  • लोग इस दौरान कई फिल्टर मैटेरियल का उपयोग कर रहे हैं। इनमें एयर फिल्टर और वैक्यूम बैग्स शामिल हैं। यह असरदार हो सकते हैं, लेकिन इनमें जोखिम होते हैं। कई बार यह सांस लेने लायक नहीं होते और कई बार हानिकारक फाइबर होते हैं, जिन्हें आप सांस के साथ अंदर ले सकते हैं।
  • इसके साथ ही एक औसत व्यक्ति को इतने फिल्टरेशन की जरूरत नहीं होती है। आप जो भी फिल्टर का उपयोग करें, यह पक्का कर लें कि इसकी साइड में कॉटन या इसके जैसे किसी मैटेरियल की कोई लेयर हो। 

मास्क को ठीक से पहनना है जरूरी
एक मास्क तब ही प्रभावी होगा, जब इन्हें ठीक से पहना जाए। बाहर या किसी सार्वजनिक जगहों पर जाते समय मास्क हम वक्त मास्क पहनना चाहिए। याद रखें इन्हें बार-बार ऊपर नीचे न करें। हालांकि कोई भी मास्क 100 फीसदी सुरक्षा नहीं देता है, ऐसे में बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आप ज्यादा सुरक्षा कर सकते हैं।



Source link

By AUTHOR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *