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lएक घंटा पहलेलेखक: विनय भट्ट

  • अधिक मास का पहला और आखिरी दिन भी शुक्रवार रहेगा, इस महीने बृहस्पति और शनि का अपनी ही राशि में होना शुभ

18 सितंबर को शुरू हुआ अधिक मास 16 अक्टूबर तक चलेगा। शुक्रवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के संयोग में शुरू होने वाला ये अधिक मास सुख और समृद्धि बढ़ाने वाला रहेगा। इस महीने खरीदारी और शुभ कामों का पूरा फायदा मिलेगा। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म ग्रंथों के जानकार पं. गणेश मिश्र के मुताबिक इस महीने में 5 शुक्रवार का संयोग बन रहा है। इस कारण ये महीना खरीदारी, निवेश, लेन-देन और अन्य कामों में शुभ फल देने वाला रहेगा। इसके अलावा इस महीने में धर्म और ज्ञान का ग्रह बृहस्पति और इसके साथ शनि अपनी ही राशि में रहेगा। इस तरह अन्य ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल होने से ये महीना कई लोगों के लिए शुभ रहेगा।

अधिक मास में शुक्रवार का संयोग
अधिक मास का पहला और आखिरी दिन शुक्रवार रहेगा। वहीं इस महीने में 5 शुक्रवार का होना भी शुभ है। पं. मिश्र का कहना है कि जिस महीने में पांच शुक्रवार पड़ते हो वो महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। उस महीने में फसलों की पैदावार अच्छी होती है और किसी चीज की कमी नहीं होती है। सुख बढ़ता है। इस अधिमास की अमावस्या भी शुक्रवार को रहेगी। ज्योतिष के संहिता ग्रन्थों में बताया गया है कि अमावस्या शुभ वार को हो तो धन और धान्य के साथ लोगों का सुख भी बढ़ता है।

शुक्र का प्रभाव होने से खरीदारी शुभ
शुक्र का प्रभाव बढ़ने से अधिक मास में नया पलंग, सोफा और घर के फर्नीचर की खरीदी की जा सकती है। इस महीने कपड़े, ज्वेलरी, ब्यूटी पार्लर और अन्य साजो सामान की खरीदी भी शुभ है। शुक्र का प्रभाव ज्यादा होने से इस महीने में व्हीकल और प्रॉपर्टी की खरीदी करना भी शुभ रहेगा। इनके अलावा गाने-बजाने और नाचने के सामान, खेती, बाग-बगीचे से जुड़ी चीजें, रत्न और अन्य सुख देने वाली चीजों की खरीदी करना शुभ रहेगा।

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शुक्रवार का संयोग
अधिक मास की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है। ये देवी लक्ष्मी का दिन होता है। साथ ही इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र भी है। ज्योतिष ग्रंथों में इसे जल्दी फल देने वाला नक्षत्र माना जाता है। इसलिए उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में अधिक मास शुरू होने के कारण इस महीने में समृद्धि और सुख बढ़ेगा। उत्तराफाल्गुनी ध्रुव यानी स्थिर नक्षत्र है। इसलिए इस नक्षत्र में शुरू होने वाले इस महीने में शुभ काम करने से उनका फल और सुख लंबे समय तक मिलता है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य होने से अधिक मास में नियम-संयम से रहने पर बीमारियां दूर होंगी।

धन और हर तरह का सुख देता है पुरुषोत्तम मास
पं. मिश्र का कहना है कि अधिक मास के दौरान नियम और संयम से रहना चाहिए। इस दौरान बुरे कामों से दूर रहकर भगवान के करीब आने का मौका मिलता है। इस पवित्र महीने में भगवान के प्रति समर्पित भावना से की गई भक्ति और त्याग से भगवान प्रसन्न होते हैं। इससे धन, पुत्र, समृद्धि और कई तरह के सुख का आशीर्वाद मिलता है।

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