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  • पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहले मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने के दो दिन बाद ही रोका गया
  • निर्माण के लिए फंड और मंजूरी इमरान सरकार ने दी थी, कट्टरपंथियों ने इसमें रोड़े अटकाए, फतवा जारी किया

दैनिक भास्कर

Jul 08, 2020, 06:08 AM IST

इस्लामाबाद. मंदिर निर्माण का वादा करना और फिर उसे रोकना पाकिस्तान सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इमरान खान सरकार ने निर्माण की मंजूरी दी। फंड भी जारी किया। लेकिन, कट्टरपंथियों के दबाव में मंदिर का काम रोकना पड़ा। अब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इमरान सरकार को धार्मिक कट्टरता छोड़ने और मंदिर निर्माण शुरू कराने को कहा है।

पिछले हफ्ते काम शुरू हुआ था। बाउंड्री वॉल बनाई जा रही थी। इस्लामाबाद की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे रुकवा दिया। कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब सरकार कह रही है कि सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने क्या कहा?
मंगलवार को एमनेस्ट इंटरनेशनल ने इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण रुकने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान को नसीहत दी। संगठन ने ट्वीट में कहा- सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। पाकिस्तान के संविधान में इसकी इजाजत दी गई है। यह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है। मंदिर निर्माण रोका जाना गलत कदम और कट्टरता है। पाकिस्तान को फौरन अपना फैसला बदलना चाहिए। 

अब तक क्या हुआ?
दुनिया में अपनी लिबरल इमेज बनाने के लिए इमरान खान ने पिछले महीने इस्लामाबाद में पहले मंदिर निर्माण की मंजूरी दी। 10 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया। बाउंड्री वॉल और फाउंडेशन का काम शुरू हुआ तो लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरुवार को इसे रुकवा दिया। कहा कि मंदिर का नक्शा और प्लान होना जरूरी है।

अगले दिन रात में कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब धार्मिक मामलों का मंत्रालय कह रहा है कि वो सभी पक्षों से बात करेगा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में निर्माण रोकने की याचिका पर सुनवाई जारी है।

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