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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: विकास कुमार

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24 अगस्त की सुबह यूपी के ननौता से करीब 100 किलोमीटर दूर पानीपत में, इखलाक एक रेलवे ट्रैक के पास अधमरी हालत में मिला था।

  • पानीपत में चर्चा है कि पार्क में परिवार के लोगों ने इखलाक और एक लड़की को साथ देखा था, इसी के बाद उसकी पिटाई हुई
  • जिस लड़के का हाथ कटा है वो अस्पताल में भर्ती है , पुलिस उसके ठीक होने का इंतजार कर रही है ताकि जांच आगे बढ़ सके

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक मुस्लिम बहुल मोहल्ला है – ननौता। इसी मोहल्ले में 28 साल के इखलाक सलमानी का परिवार रहता है। वही, इखलाक जो 24 अगस्त की सुबह ननौता से करीब 100 किलोमीटर दूर पानीपत में, एक रेलवे ट्रैक के पास अधमरी हालत में मिला था, सिर पर से खून निकल रहा था और दाहिना हाथ कटा हुआ था।

इखलाख के बड़े भाई इतराम सलमानी ने बताया कि अगस्त में वो काम की तलाश में पानीपत गया। 23 अगस्त की रात वो एक पार्क में बैठा हुआ था तो कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की। आधी रात को उसे प्यास लगी तो उसने जिस घर का दरवाजा खटखटाया, वो उन्हीं लोगों का था, जिन्होंने कुछ घंटे पहले उसकी पिटाई की थी। उन लोगों ने उसे घर के अंदर खींच लिया, उसकी पहचान पूछी और फिर से पिटाई की। इसके बाद आरी मशीन से उसका दाहिना हाथ काट दिया जिस पर ‘786’ का टैटू बना हुआ था।

इसी मोहल्ले में इखलाक का परिवार रहता है। यहां से पानीपत करीब 100 किमी है, जहां वह अधमरी अवस्था में मिला था।

इसी मोहल्ले में इखलाक का परिवार रहता है। यहां से पानीपत करीब 100 किमी है, जहां वह अधमरी अवस्था में मिला था।

हालांकि, इखलाक ने 10 सितंबर को एफआईआर में जो बयान दर्ज कराया है, उसमें धर्म पूछकर मारपीट करने या 786 देखकर हाथ काटने की बात नहीं है। इसको लेकर जब हमने सलमान से पूछा तो उन्होंने पुलिस पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि मेरे भाई के साथ पहचान पूछकर मारपीट हुई, उसका दाहिना हाथ आरी से काट गया। लेकिन पुलिस ने आधा-अधूरा बयान दर्ज किया। हमें पढ़कर भी नहीं सुनाया। जबरदस्ती बयान पर साइन करवा लिया और उसी आधार पर तहरीर ले ली।

इस मामले में जीरो एफआईआर पानीपत रेलवे पुलिस ने दर्ज की है। जब हमने ज़बरदस्ती बयान पर साइन करवाने, बयान पढ़कर नहीं सुनाने और आधी-अधूरी बात लिखने जैसे गंभीर आरोपों के बारे में रेलवे पुलिस थाना, पानीपत के इंचार्ज राजकुमार से बात की तो उन्होंने कहा, ‘ देखो जी। पुलिस पर तो कोई कभी भी आरोप लगा सकता है, लेकिन हमारे SI ने वही लिखा, जो उन्होंने बताया। पार्क वाली बात उन्होंने तब नहीं बताई थी। धर्म पूछकर मारपीट हुई या ‘786’ देखकर हाथ काटा गया, ये भी उन्होंने तब नहीं बताया। अब वो ये सब कह रहे हैं। तब कहते तो बाकी बातों की तरह, तो ये सब भी बयान में दर्ज होता। हम क्यों बदलने लगें उनका बयान?”

इतना ही नहीं, इस मामले में उस परिवार ने भी इखलाक सलमानी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, जिस पर हाथ काटने और मारपीट करने का आरोप है। परिवार की तरफ से दर्ज एफआईआर के मुताबिक इखलाक ने 23 और 24 अगस्त की दरमियानी रात परिवार के एक नाबालिग लड़के के साथ यौन उत्पीड़न किया। परिवार ने लड़के को बचाया, लेकिन इखलाक रेलवे ट्रैक की ओर भागने में कामयाब रहा। पुलिस ने इस बयान के आधार पर इखलाक के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

दोनों ही मामले पानीपत के चांदनीबाग थाने में दर्ज हैं और जिसकी जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम कर रही है। इस एसआईटी के मुखिया हैं डीएसपी पानीपत (मुख्यालय) सतीश वत्स। जब हमने उनसे दोनों मामलों में हो रही जांच के बारे में पूछा तो वो बोले, “दोनों तरफ से मामले दर्ज हैं। हम इखलाक के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। उसका बयान लिया जाएगा। इसके बाद ही जांच सही दिशा में बढ़ पाएगी।

13 सितंबर को हमने रेलवे ट्रैक के पास सघन जांच की थी। हमें एक कटा हुआ हाथ मिला है। हमें शक है कि ये इखलाक का हाथ है, लेकिन पक्के तौर पर डीएनए टेस्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इसके आगे सतीश वत्स कुछ भी कहने से इनकार कर देते हैं। उनके मुताबिक, जांच के बीच में किसी सवाल का जवाब देना उचित नहीं है।

10 सितंबर को इखलाक के परिवार ने पानीपत रेलवे पुलिस में मामला दर्ज कराया था।

10 सितंबर को इखलाक के परिवार ने पानीपत रेलवे पुलिस में मामला दर्ज कराया था।

लेकिन, इस पूरे मामले को गौर से देखें तो पुलिस, इखलाक के परिवार और जिन्होंने उस पर नाबालिग बच्चे के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया है, उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 24 अगस्त की सुबह जब रेलवे ट्रैक के पास घायल अवस्था में इखलाक मिला तो उसके बाद पुलिस ने इलाके की तत्काल जांच क्यों नहीं की गई? और कटे हुए हाथ को क्यों नहीं बरामद किया गया? इखलाक ने जिस घर में आरी से हाथ काटने की बात कही, उसकी जांच क्यों नहीं हुई? उसे सील क्यों नहीं किया गया?

इखलाक के बड़े भाई इतराम सलमानी के बयान और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयान में अंतर क्यों है? अगर पुलिस ने आधा-अधूरा बयान दर्ज किया या बिना पढ़कर सुनाए बयान पर साइन करवा लिया, तो उन्होंने इसके बारे में पहले क्यों कुछ नहीं कहा? जिस परिवार ने इखलाक पर अपने नाबालिग बच्चे के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, उसने 23 अगस्त की रात की घटना के बारे में मामला दर्ज करवाने के लिए 10 सितंबर तक इंतजार क्यों किया?

पक्के तौर पर तो कुछ भी नहीं कहा सकता, लेकिन पानीपत में इस घटना को लेकर एक तीसरी थ्योरी भी घूम रही है। इस थ्योरी के मुताबिक मामला प्रेम प्रसंग का है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक स्थानीय पत्रकार कहते हैं, “जी ये मामला वैसा है नहीं, जैसा दोनों पक्ष बता रहे हैं। ना तो इसमें लड़का है और ना ही धार्मिक एंगल। समूचे पानीपत में चर्चा है कि पार्क में परिवार के लोगों ने इखलाक और एक लड़की को साथ देखा था। इसी के बाद उसकी पिटाई हुई। शायद हाथ भी काट दिया हो।”

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